दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 10 अक्तूबर
हरियाणा विधानसभा चुनावों को लेकर संसदीय क्षेत्र की नजर से देखें तो कांग्रेस के दो सांसदों – हिसार से जयप्रकाश ‘जेपी’ और सोनीपत से सतपाल ब्रह्मचारी के यहां पार्टी का सबसे बुरा प्रदर्शन रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री व सिरसा सांसद कुमारी सैलजा तथा रोहतक सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के इलाके में कांग्रेस मजबूत नजर आई है। करनाल सांसद व केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल लोकसभा के दस सांसदों में सबसे टॉप पर रहे हैं। उनके यहां भाजपा ने क्लीन स्वीप किया है।
करनाल संसदीय क्षेत्र के सभी नौ हलकों में भाजपा ने जीत हासिल की है। 2014 के विधानसभा चुनावों में भी भाजपा करनाल में ऐसा कमाल नहीं कर पाई थी। उस समय भी नौ में से आठ हलकों में जीत हासिल हुई थी। समालखा से निर्दलीय उम्मीदवार रविंद्र मच्छरौली से चुनाव जीता था। इस बार करनाल से जगमोहन आनंद, घरौंडा से हरविंद्र सिंह कल्याण, असंध से योगेंद्र राणा, इंद्री से रामकुमार कश्यप, नीलोखेड़ी से भगवान दास कबीरपंथी, पानीपत सिटी से प्रमोद कुमार विज, पानीपत ग्रामीण से महिपाल सिंह ढांडा, इसराना से कृष्ण लाल पंवार तथा समालखा से मनमोहन भड़ाना ने जीत हासिल की है।
2019 के चुनावों में भाजपा समालखा, इसराना, असंध व नीलोखेड़ी में चुनाव हार गई थी। इस बार मनोहर लाल ने इस संसदीय क्षेत्र में कड़ी मेहनत की और उसका नतीजा यह निकला कि पार्टी सभी नौ हलकों में पहली बार कमल खिलाने में कामयाब रही। लोकसभा चुनावों के दौरान भी मनोहर लाल ने इन सभी हलकों में जबरदस्त प्रदर्शन किया था। इसी तरह रोहतक संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नौ हलकों में से कांग्रेस ने सात सीटों पर जीत हासिल की है। कोसली में भाजपा के अनिल ढहीना तथा बहादुरगढ़ में निर्दलीय राजेश जून ने चुनाव जीता है। बादली से कांग्रेस के कुलदीप वत्स, बेरी से डॉ़ रघुबीर सिंह कादियान, झज्जर से गीता भुक्कल, गढ़ी-सांपला-किलोई से भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कलानौर से शकुंतला खटक, महम से बलराम दांगी और कलानौर से शकुंतला खटक ने जीत हासिल की है। सोनीपत संसदीय क्षेत्र में भाजपा ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस सांसद सतपाल ब्रह्मचारी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
इस संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस केवल दो सीटों पर चुनाव जीत पाई। बरोदा से इंदूराज नरवाल और जुलाना से विनेश फोगाट विधायक बनी हैं। प्रदेश के इतिहास में यह भी पहला मौका है जब जाट बाहुल्य जींद में भाजपा ने गैर-जाट कार्ड खेला और पांच में से चार सीटों पर जीत हासिल की। उचाना कलां से देवेंद्र अत्री, जींद से डॉ़ कृष्ण मिढ्ढा, सफीदों से रामकुमार गौतम और नरवाना से कृष्ण बेदी ने जीत हासिल की है। हालांकि नरवाना और उचाना कलां सोनीपत संसदीय क्षेत्र का हिस्सा नहीं है।
इस लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सोनीपत से निखिल मदान, राई से कृष्णा गहलोत, गोहाना से डॉ़ अरविंद शर्मा, खरखौदा से पवन खरखौदा भाजपा विधायक बने हैं। वहीं गन्नौर में भाजपा के ही बागी देवेंद्र कादियान ने जीत दर्ज की है। देवेंद्र कादियान ने भाजपा को समर्थन भी दे दिया है। कुमारी सैलजा के निर्वाचन क्षेत्र सिरसा में कांग्रेस ने कालांवाली, ऐलनाबाद, सिरसा, फतेहाबाद, टोहाना व रतिया में जीत दर्ज की है। डबवाली व रानियां से इनेलो और नरवाना से भाजपा जीती है।
कृष्णपाल गुर्जर के यहां जीती 7 सीटें
केंद्रीय मंत्री व फरीदाबाद सांसद कृष्ण पाल गुर्जर ने भी इस बार पूरी शिद्दत के साथ चुनाव लड़ा। इसका नतीजा यह आया कि भाजपा उम्मीदवार कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को पटखनी देने में कामयाब रहे। भाजपा ने नौ में से सात सीटों पर जीत दर्ज की है। कांग्रेस केवल दो जगह पर जीती है। पृथला से रघुबीर सिंह तेवतिया और हथीन से मोहम्मद इजरायल विधायक बने हैं। वहीं फरीदाबाद से विपुल गोयल, बड़खल से धनेश अदलखा, तिगांव से राजेश नागर, एनआईटी से सतबीर फागना, पलवल से गौरव गौतम और होडल से हरेंदर सिंह रामरतन ने जीत दर्ज की है। हरेंद्र सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष चौ़. उदयभान और गौरव गौतम ने दिग्गज नेता करण सिंह दलाल को चित किया है।
गुरुग्राम में चला राव इंद्रजीत का जलवा
गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम बाहुल्य मेवात जिला को छोड़कर इस पार्लियामेंट की सभी सीटों पर कमल खिला है। नूंह, फिरोजपुर-झिरका और पुन्हाना ने 2019 की तरह इस बार भी कांग्रेस का हाथ थामा है। वहीं गुरुग्राम से पंडित मुकेश शर्मा, बादशाहपुर से राव नरबीर सिंह, सोहना से तेजपाल तंवर, पटौदी से बिमला चौधरी, बावल से डॉ़ कृष्ण कुमार व रेवाड़ी से भाजपा के लक्ष्मण यादव विधायक बने हैं। इनमें राव नरबीर सिंह को छोड़कर बाकी छह सीटों पर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की पसंद से ही टिकट दिए गए थे। माना जा रहा है कि राव इंद्रजीत सिंह का प्रभाव यहां काम आया है।
नवीन जिंदल के क्षेत्र में भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं
कुरुक्षेत्र संसदीय क्षेत्र में भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। इस क्षेत्र के तीन ही हलकों में भाजपा के प्रत्याशी चुनाव जीते हैं। लाडवा से खुद सीएम नायब सिंह सैनी, रादौर से श्याम सिंह राणा और पूंडरी से सतपाल जाम्बा विधायक बने हैं। वहीं कैथल से कांग्रेस के आदित्य सुरजेवाला, कलायत से विकास सहारण, गुहला-चीका से देवेंद्र हंस, पिहोवा से मनदीप सिंह चट्ठा, थानेसर से अशोक अरोड़ा व शाहबाद से रामकरण काला विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे हैं। इस संसदीय क्षेत्र से भाजपा के नवीन जिंदल सांसद हैं।
धर्मबीर सिंह का भी दिखा जोर
भिवानी-महेंद्रगढ़ संसदीय क्षेत्र से भाजपा सांसद धर्मबीर सिंह के यहां भी भाजपा ने इस बार पहले से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है। नौ हलकों में से भाजपा केवल लोहारू व नांगल-चौधरी में चुनाव हारी है। बाकी सात सीटों पर जीत हासिल की है। दादरी से सुनील सांगवान, बाढ़डा से उमेश पातूपास, तोशाम से श्रुति चौधरी, भिवानी से घनश्याम सर्राफ, महेंद्रगढ़ से कंवर सिंह यादव, अटेली से आरती सिंह राव व नारनौल से ओमप्रकाश यादव विधायक बने हैं। नांगल-चौधरी से कांग्रेस की मंजू चौधरी और लोहारू से राजबीर सिंह फरटिया विधानसभा पहुंचे हैं।
अंबाला में भाजपा के तीन विधायक
अंबाला पार्लियामेंट में इस बार भाजपा पिछड़ी है। नौ सीटों में से तीन पर ही जीत मिली है। कालका से शक्ति रानी शर्मा, अंबाला कैंट से अनिल विज और यमुनानगर से भाजपा के घनश्याम दास अरोड़ा विधायक बने हैं। वहीं कांग्रेस के छह विधायकों में पंचकूला से चंद्रमोहन बिश्नोई, जगाधरी से अकरम खान, नारायणगढ़ से शैली चौधरी, मुलाना से पूजा चौधरी, सढ़ौरा से रेणु बाबा व अंबाला सिटी से चौ़ निर्मल सिंह शामिल हैं। अंबाला पार्लियामेंट से कांग्रेस के वरुण चौधरी सांसद हैं। उनकी पत्नी पूजा चौधरी मुलाना से विधायक बनी हैं।
हिसार में जेपी को झटका
मई के लोकसभा चुनावों में पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश ‘जेपी’ ने हिसार लोकसभा सीट से जीत हासिल की। लेकिन इस बार विधानसभा चुनावों में उनके पार्लियामेंट में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। कांग्रेस तीन ही सीटों पर जीत हासिल कर पाई है। उकलाना से नरेश सेलवाल, नारनौंद से जस्सी पेटवाड़ और आदमपुर से चंद्र प्रकाश विधायक बने हैं। वहीं भाजपा ने पांच सीटों – बरवाला में रणबीर सिंह गंगवा, नलवा में रणधीर सिंह पनिहार, हांसी में विनोद भ्याना और बवानीखेड़ा में कपूर वाल्मीकि ने जीत दर्ज की है। हिसार शहर से निर्दलीय सावित्री जिंदल विधायक बनी हैं और उन्होंने भाजपा को समर्थन का ऐलान कर दिया है।