सीजेआई करेंगे केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई का फैसला
नयी दिल्ली, 28 मई (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने का अनुरोध करने वाली याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने के संबंध में कोई भी फैसला प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) लेंगे क्योंकि मुख्य मामले पर फैसला पहले से सुरक्षित है।
केजरीवाल ने उनका वजन अचानक छह से सात किलोग्राम कम हो जाने के कारण कई चिकित्सकीय जांच कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत की अवधि सात दिन बढ़ाने का अनुरोध किया है। जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस केवी विश्वनाथन की अवकाश पीठ ने केजरीवाल की अंतरिम याचिका को स्वयं सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया और मुख्यमंत्री की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी से पूछा कि याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए पिछले सप्ताह तब क्यों इसका उल्लेख नहीं किया गया, जब मुख्यमंत्री को अंतरिम जमानत देने वाली पीठ में शामिल जस्टिस दीपांकर दत्ता अवकाश पीठ में बैठे थे। मुख्यमंत्री को अंतरिम जमानत देने वाली पीठ की अध्यक्षता न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने की थी। सिंघवी ने कहा कि चिकित्सकीय परामर्श परसों मिला था और इसलिए पिछले सप्ताह उल्लेख नहीं किया जा सका। केजरीवाल ने 26 मई को दायर अपनी याचिका में कहा है कि वह जेल लौटने के लिए न्यायालय द्वारा निर्धारित की गई तिथि दो जून के बजाय नौ जून को आत्मसमर्पण करना चाहते हैं। उनका कीटोन स्तर बहुत अधिक है, जो गुर्दा (किडनी), हृदय की गंभीर बीमारी और यहां तक कि कैंसर का संभावित संकेतक है। याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री को ‘पैट-सीटी स्कैन’ सहित कुछ चिकित्सकीय जांच कराने की जरूरत है। शीर्ष अदालत ने 10 मई को, लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल को प्रचार करने के लिए एक जून तक यानी 21 दिन की अंतरिम जमानत दी थी, जिसके अनुसार उन्हें दो जून को जेल
लौटना है।
ईडी के आरोपपत्र पर संज्ञान, फैसला सुरक्षित दिल्ली की एक अदालत ने केजरीवाल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दाखिल पूरक आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के संबंध में फैसला चार जून के लिए सुरक्षित रख लिया। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। एजेंसी ने कहा कि आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। ईडी ने आरोप पत्र में आम आदमी पार्टी को भी आरोपी बनाया है।