नगरी संतां दी, वोटां लाडलियां!
चरणजीत भुल्लर
तलवंडी साबो, 29 मई
बठिंडा संसदीय क्षेत्र के तलवंडी साबो में एक ऐसा घर है जहां 427 वोटर रहते हैं। पंजाब का संभवत: यह पहला इतना बड़ा घर होगा जहां एक ही छत के नीचे सैकड़ों वोटर रह रहे हैं। हर सियासी पार्टी की नजर इस घर पर रहती है। इस घर से समर्थन लेने के लिए उम्मीदवार चक्कर लगाते रहते हैं।
तलवंडी साबो के वार्ड नंबर-दो और भाग नंबर 118 में कुल 869 वोटर हैं, जिनमें से लगभग आधे (49.13 फीसदी) मकान नंबर-29 में रहते हैं। इस घर की सियासी पूछ-परख होना स्वाभाविक है। ताजा वोटर सूची के अनुसार इन सभी वोटरों के पिता का नाम संता सिंह है, जो अब इस दुनिया में नहीं रहे। उनका 8 मई 2008 को देहांत हो गया था। यह घर बुड्ढा दल के 13वें जत्थेदार बाबा संत सिंह जी निहंग सिंह 96वें करोड़ी का है। तलवंडी साबो में बुड्ढा दल की छावनी है जहां ‘गुरु की लाडली फौज’ रहती है।
इस घर में सभी वोटरों ने निहंगों की परंपरा के अनुसार, अपने पिता का नाम संता सिंह लिखवाया है। इनमें सबसे उम्रदराज वोटर शेर सिंह 95 साल के हैं, जबकि 34 वर्षीय निरंजन सिंह सबसे कम उम्र के वोटर हैं। इस घर में सरदारा सिंह, मुकंद सिंह, पूरण सिंह और तेजा सिंह भी वरिष्ठ वोटर हैं, जिनकी उम्र 90-90 वर्ष है। वहीं 40 वोटरों की उम्र 80 से 95 साल है, जबकि 64 मतदाता 30 से 40 वर्ष आयु वर्ग के हैं। इसी तरह, 70 से 80 साल तक की उम्र के वोटरों की संख्या 6 है, जबकि 86 मतदाताओं की आयु 60 से 70 वर्ष तक है। इसके अलावा, 50 से 60 वर्ष तक की उम्र के 97 वोटर हैं। महिला वोटरों में मनदीप कौर 34 और जसवीर कौर 36 वर्ष की हैं।
बताते हैं कि इस घर से कभी भी सभी वोट नहीं पड़े। पिछले कुछ दिनों के दौरान सभी सियासी दलों की तरफ से इस घर तक पहुंच बनाई गयी है। इतिहास देखें ताे बाबा संता सिंह का राजनीतिक झुकाव कांग्रेस की तरफ रहा है। स्थानीय लीडरों के अनुसार, स्थानीय चुनाव के वक्त तो इस घर के वोट जीत-हार तय करते हैं।