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किसानों से फुल सिटी ब्यूटीफुल, खस्ता-खस्ता ट्रैफिक व्यवस्था

08:35 AM Sep 03, 2024 IST
चंडीगढ़ में सोमवार को मटका चौक पर प्रदर्शन करते किसान और सेक्टर-23 में अटका ट्रैफिक । -टि्रन्यू

एस. अग्निहोत्री/ हप्र
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 2 सितंबर
पंजाब से आये किसानों के प्रदर्शन की वजह से सोमवार को चंडीगढ़ जाम हो गया। चंडीगढ़ पुलिस की ओर से शहर की कई सड़कों पर ट्रैफिक डायवर्ट किया गया। भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) और पंजाब खेत मजदूर यूनियन के बैनर तले किसानों के एक गुट ने सेक्टर-34 मेला ग्राउंड से मटका चौक तक मार्च निकाला। ये किसान पंजाब विधानसभा तक जाना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें मटका चौक तक ही जाने की इजाजत दी। इसे लेकर प्रशासन व यूनियन के नेताओं के बीच करीब तीन घंटे तक मीटिंग चली। वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की तरफ से सेक्टर-34 में महापंचायत की गई।
मटका चौक तक मार्च में एक हजार से अधिक किसान शामिल थे। उन्होंने सेक्टर-34 मेला ग्राउंड से दोपहर करीब तीन बजे कूच किया। पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने शाम को मटका चौक पर पहुंच कर किसानों से मांग पत्र लिया। कृषि मंत्री ने किसानों और मजदूरों के संघर्ष की सराहना की अौर कहा कि उनके मांग पत्र को वह उनके वकील बनकर सीएम के समक्ष रखेंगे। इसके बाद किसानों को बसों में सेक्टर-34 भेजा गया।

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कई सड़कें बंद, वाहनों की लगी कतारें 

किसानों ने जब मटका चौक की तरफ कूच किया तो चंडीगढ़ पुलिस ने सेक्टर 22-23 के चौक से सेक्टर-17 की डिवाइडिंग रोड से होते हुए मटका चौक व मध्य मार्ग की ओर से जाने वाली सभी सड़कों को बंद कर दिया। इसके कुछ देर बाद ही सेक्टर-17 बस स्टैंड चौक पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। जाम में फंसे वाहन चालकों का गर्मी के चलते भी बुरा हाल हो गया। मटका चौक से विधानसभा की ओर जाने वाली सड़क को पहले ही बंद कर दिया गया था। मटका चौक पर करीब 700 पुलिस कर्मी तैनात किए गए थे। साथ ही पैरामिलिट्री फोर्स, वाटर कैनन व आंसू गैस के गोले फेंकने वाली गाड़ियों को भी तैनात किया गया था।

चार दिन की है इजाजत, तीन महीने का लाये हैं राशन 

सेक्टर-34 में गुरुद्वारे के सामने किसानों की महापंचायत में भारी भीड़ थी। किसान परिवारों की महिलाएं अपने दिवंगत बच्चों और परिजनों के फोटो लेकर पहुंचीं। पुलिस प्रशासन ने किसानों को केवल चार दिन के मोर्चे की अनुमति दी है, लेकिन वे पूरी तैयारी के साथ तीन महीने का राशन-पानी लेकर आए हैं। ऐसे में पुलिस-प्रशासन के साथ आम जनता की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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शंभू बॉर्डर : सुप्रीम कोर्ट ने बनाई समिति

नयी दिल्ली (एजेंसी) : सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की शिकायतों के सौहार्दपूर्ण निवारण के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस नवाब सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को एक समिति का गठन किया। शीर्ष अदालत ने कहा कि किसानों के प्रदर्शन के मुद्दे को राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने समिति को एक सप्ताह के अंदर अपनी पहली बैठक बुलाने का निर्देश दिया। उसने समिति से यह भी कहा कि आंदोलनकारी किसानों से संपर्क साधे और उनसे तत्काल शंभू सीमा से ट्रैक्टर और ट्रॉली आदि हटाने को कहा जाए, ताकि आम यात्रियों को राहत मिले। पीठ ने कहा कि पंजाब और हरियाणा की सरकारें समिति को सुझाव देने के लिए स्वतंत्र होंगी। समिति में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी पीएस संधू, देवेंद्र शर्मा, प्रोफेसर रंजीत सिंह घुम्मन और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के कृषि अर्थशास्त्री डॉ. सुखपाल सिंह शामिल हैं।

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