‘हारे का सहारा, श्याम बाबा हमारा’ के जयकारों से गूंजा चुलकाना धाम
समालखा (निस)
‘जहां दिया था शीश का दान, वो भूमि है चुलकाना धाम’ तेरा चुलकाने का धाम बाबा घणा कसूता लागे, ‘श्याम धणी का दुनिया में डंका बाजे, कलयुग का अवतार चुलकाना धाम बिराजे’। श्री श्याम बाबा की भव्य पालकी लेकर डीजे की मधुर धुनों पर रंग-बिरंगे गुलाल उड़ाते व श्याम नाम की मस्ती मे झूमते-नाचते श्रद्धालु श्री श्याम बाबा के प्राचीन धाम पहुंचे और आलौकिक दरबार में विराजमान अपने आराध्य श्री श्याम बाबा के दर्शन किए। चुलकाना धाम में श्री श्याम बाबा का वार्षिक फाल्गुनोत्सव का आगाज रविवार तड़के चार बजे से हो गया। ‘दिनभर शीश के दानी, तीन बाण धारी, हारे का सहारा, श्री श्याम बाबा हमारा’ व जय श्रीश्याम के जयकारे से गूंजते रहे। उधर, दूर-दराज से चुलकाना धाम आने वाले श्याम भक्तों की सेवा के लिए समालखा से चुलकाना तक समाजसेवी लोगों व संस्थाओa द्वारा भंडारे लगाये गए। इनमें मुख्य रूप से श्री श्याम रसोई, श्री श्याम बाबा सेवा मंडल व हरि मिष्ठान भंडार के संचालक कृष्ण सैनी द्वारा आयोजित छप्पन भोग का भंडारा सुबह ही शुरू हो गया था, जिसमें भक्तों ने भंडारा ग्रहण किया।