चितकारा यूनिवर्सिटी को देश में मिला 13वां स्थान
राजपुरा, 22 नवंबर (निस)
चितकारा यूनिवर्सिटी ने वैश्विक शैक्षणिक मंच पर प्रमुख स्थान हासिल किया है। यूनिवर्सिटी को टाइम्स हायर एजुकेशन इंटरडिसिप्लिनरी साइंस रैंकिंग 2025 में भारत के शैक्षणिक स्थानों में 13वां स्थान व विश्व के सभी शैक्षणिक स्थानों में 161वीं रैंक प्राप्त हुई है जो यूनिवर्सिटी के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।
92 देशों के 749 विश्वविद्यालयों में चितकारा यूनिवर्सिटी ने नवोन्मेषी अनुसंधान को आगे बढ़ाने के प्रति अपने समर्पण का प्रदर्शन करते हुए अकादमिक उत्कृष्टता में खुद को प्रतिष्ठित किया है। भारत ने भी इस रैंकिंग में अपना एक मजबूत प्रभाव डाला है, जिसमें 65 संस्थान इस रैंकिंग में शामिल हैं जो वैश्विक शैक्षणिक और वैज्ञानिक क्षेत्रों में देश की बढ़ती प्रमुखता को दर्शाती है। इस तरह की उपलब्धियां यूनिवर्सिटी की उस प्रतिबद्धता पर जोर देती हैं,जहां शोधकर्ता पारंपरिक शैक्षणिक सीमाओं को तोड़ सकते हैं और रचनात्मक तरीके से खोजने के लिए एक साथ काम कर सकते है। इंटरडिसिप्लिनरी साइंस रैंकिंग 2025 तीन प्रमुख क्षेत्रों में विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन करती है : इनमें पहला “इनपुट्स” है जो कि जो फंडिंग और संसाधनों का आकलन करते हैं। दूसरी; “प्रक्रियाएं”, जो संस्थागत सहायता प्रणालियों पर ध्यान केंद्रित करती हैं; और “तीसरा” आउटपुट है जिसमें अनुसंधान की गुणवत्ता, प्रभावशाली प्रकाशन और समग्र प्रतिष्ठा को ध्यान में रखा जाता है।
इन क्षेत्रों में चितकारा यूनिवर्सिटी का उत्कृष्ट प्रदर्शन इसके अनुसंधान में विचारशील निवेश को दर्शाने के साथ साथ जी चितकारा यूनिवर्सिटी के विविध शैक्षणिक अन्वेषण के लिए संकाय और छात्रों को सशक्त बनाने के अपने दृढ़ संकल्प को भी प्रदर्शित करता है।
शोधार्थियों-स्टाफ की मेहनत का फल -: मधु चितकारा
चितकारा यूनिवर्सिटी की प्रो चांसलर डॉ. मधु चितकारा ने इस उपलब्धि पर अपनी खुशी साझा करते हुए कहा कि 'इंटरडिसिप्लिनरी साइंस का मतलब सिर्फ विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ना नहीं है बल्कि इसका मतलब है ऐसा परिवर्तनकारी दृष्टिकोण बनाना जो कि सीमाओं से परे पहुँचते हैं और जीवन को बेहतर बनाते हैं। यह हमारे नवाचार के प्रति अटूट प्रतिबद्धता, हमारे प्रतिभाशाली शोधाथिर्यों-स्टाफ के समर्पण और हमारा एक बेहतर दुनिया बनाने के लिए मिशन को मान्यता देती है। चितकारा यूनिवर्सिटी को वैश्विक मंच पर चमकते देखना गर्व का एक क्षण है'।