For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

अम्बाला की बाल संरक्षण संस्थाओं के बच्चों को ‘पालक माता-पिता’ की जरूरत

10:55 AM Jul 16, 2025 IST
अम्बाला की बाल संरक्षण संस्थाओं के बच्चों को ‘पालक माता पिता’ की जरूरत
Advertisement

जितेंद्र अग्रवाल/ हप्र
अम्बाला शहर, 15 जुलाई
जिले की बाल संरक्षण संस्थाओं में पल रहे बच्चों के लिए काफी प्रयासों के बाद भी पालक माता-पिता (फोस्टर पेरेंट्स) नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे पालक माता-पिता को एक बच्चे की देखभाल के लिए विभाग द्वारा 4 हजार रुपये दिए जाने हैं। वैसे ऐसे उपलब्ध बच्चों की संख्या के बारे अाधिकारिक रूप से कुछ भी बताने से इनकार कर दिया गया है। संचालन करने वाले महिला एवं बाल संरक्षण विभाग द्वारा पोर्टल पर उपलब्ध टेलीफोन नंबर अस्थाई रूप से बंद पड़ा है, जिससे उसकी संजीदगी आसानी से समझ आ सकती है।
इस तरह के ‘गोद लेने में मुश्किल’ श्रेणी के बच्चे को इच्छुक परिवार में 3 वर्ष की अल्प अवधि के लिए उसकी उचित देखभाल, पालन पोषण और पारिवारिक मुख्यधारा से जोड़ने लिए दिया जाता है। दरअसल ‘फोस्टर केयर’ एक ऐसी व्यवस्था है, जिसमें एक बच्चा अस्थायी रूप से किसी परिवार, जो कि उसके माता-पिता या परिवार से संबंधित नहीं है, उसके साथ रहता है। ऐसे में वह परिवार ही उसकी देखभाल और उचित पालन पोषण करता है जिस बच्चे के माता पिता उसका पालन, पोषण करने में सक्षम नहीं हैं। जो बच्चे बाल देखभाल संस्थानों में रह रहे हैं, गोद प्रक्रिया के लिए कानूनी रूप से मुक्त हैं। परन्तु एक वर्ष से किसी ने उन्हें गोद नहीं लिया है।
ऐसे बच्चे जिनके माता पिता किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं या फिर कारागार में होने के कारण बच्चे का पालन पोषण करने में सक्षम नहीं हैं, ऐसे बच्चों के लिए पालक अभिभावकों की आवश्यकता होती है।
मालूम हो कि महिला एवं बाल विकास विभाग हरियाणा द्वारा फोस्टर केयर की सुविधा दी जा रही है। इसमें एक या एक से अधिक बच्चे, जो कि बाल देखभाल संस्थानों में रह रहे हैं और गोद प्रकिया के लिए कानूनी रूप से मुक्त हैं।

Advertisement

भारतीय दंपति होना जरूरी शर्त

बच्चे को गोद लेने के लिए शर्त यह है कि संबंधित दंपति भारतीय हो। दोनों एक ही बच्चे को फोस्टर केयर में लेना चाहते हों, दोनों की आयु 35 वर्ष से अधिक हो और वे मानसिक और शारीरिक रूप स्वस्थ हों। वे बच्चे की मूलभूत सुविधाओं को बिना सरकारी मदद के भी पूरा करने में सक्षम हों। वे बच्चे को फोस्टर केयर अवधि पूर्ण होने पर वापस कार्यालय में भेजने में तैयार हों। साथ ही उनका कोई भी किसी भी तरह का आपराधिक रिकॉर्ड न हो। परिवार बच्चे के किसी भी बाल अधिकार का हनन न करे।

''काफी समय से पोर्टल पर अपलोड होने के उपरांत भी किसी ने उन्हें गोद लेने हेतु रिजर्व भी नहीं किया है और न ही गोद लिया है। इस योजना के अंतर्गत फोस्टर पेरेंट्स को विभाग द्वारा बच्चे के पालन पोषण हेतु 4000 रुपये मासिक का भी लाभ दिया जायेगा और समय-समय पर नियमों के अनुरूप विभाग द्वारा बच्चे का फॉलोअप भी लिया जाएगा। इसके लिए पूनिया ब्रदर बिल्डिंग नजदीक बादशाही बाग गुरुद्वारा कोर्ट रोड अम्बाला शहर स्थित विभाग के कार्यालय में संपर्क करना होगा। बच्चों की संख्या समिति बताएगी।'' 
-ममता, जिला महिला एवं बाल संरक्षण अधिकारी, अम्बाला

Advertisement

Advertisement
Advertisement