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गुरुकुल में बच्चों को मिलते हैं सेवा के संस्कार

10:58 AM Mar 18, 2024 IST
गुरुकुल में बच्चों को मिलते हैं सेवा के संस्कार
कुरुक्षेत्र स्थित गुरुकुल में रविवार को विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को संबोधित करते संस्था के संरक्षक एवं गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत। साथ हैं गुरुकुल प्रबंध समिति के सदस्य। -हप्र
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कुरुक्षेत्र, 17 मार्च (हप्र)
गुरुकुल में नौंवी और ग्यारहवीं कक्षा के लिए रविवार को प्रवेश परीक्षा हुई, जिसमें हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत देशभर के 13 प्रदेशों से 5 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों ने भाग लिया। गुरुकुल परिसर में बच्चों और उनके अभिभावकों की 15 हजार से अधिक की जनसैलाब को गुरुकुल के संरक्षक एवं गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक माता-पिता गुरुकुल में अपने बच्चे को पढ़ाना चाहते हैं, जिसके पीछे तीन मुख्य कारण है। माता-पिता अपने बच्चे को शिक्षा के क्षेत्र में नंबर वन बनाना चाहते हैं, दूसरा वे शारीरिक रूप से भी अपने बच्चों को मजबूत बनाना चाहते है और तीसरा कारण है कि आज की पीढ़ी से संस्कार गायब होते जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि माता-पिता चाहते हैं कि उनका बेटा बड़ा होकर उनकी सेवा करें, जो संस्कार केवल गुरुकुलों में ही दिया जाते हैं। गुरुकुल में बच्चों को संस्कारों के साथ शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाया जाता है, ताकि वह बड़ा होकर न केवल देश का एक अच्छा नागरिक बनें बल्कि अपने माता-पिता की बुढ़ापे में खूब सेवा करे। इस अवसर पर गुरुकुल के प्रधान राजकुमार गर्ग, ओएसडी टू गर्वनर डाॅ. राजेन्द्र विद्यालंकार, गुरुकुल के निदेशक ब्रिगेडियर डाॅ. प्रवीण कुमार, प्राचार्य सूबे प्रताप, व्यवस्थापक रामनिवास आर्य, मुख्य संरक्षक संजीव आर्य भी मौजूद रहे।

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कोटा की एकेडमी देगी सेवाएं

वैदिक विद्वान डाॅ. राजेन्द्र विद्यालंकार ने कहा कि एनडीए, आईआईटी, एनआईटी, नीट समेत विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग के लिए गुरुकुल में कोटा की मशहूर ‘वाइब्रेंट एकेडमी’ सेवाएं देंगी। उन्होंने कहा कि सभी अभिभावक अपने बच्चे के भविष्य को लेकर निश्चित रहें क्योंकि गुरुकुल में प्रवेश के साथ ही प्रत्येक बच्चे की पूरी जिम्मेदारी हमारी हो जाती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि गुरुकुल कुरुक्षेत्र, चमनवाटिका कन्या गुरुकुल अंबाला, गुरुकुल नीलोखेड़ी, आर्यकुलम नीलोखेड़ी और गुरुकुल ज्योतिसर के अलावा गुरुकुल के नाम से चलने वाले किसी भी शिक्षण संस्थान से आचार्य देव्रवत या गुरुकुल कुरुक्षेत्र प्रबंधन का कोई लेना-देना नहीं है। अभिभावक किसी के बहकावे में आकर अपने बच्चे के भविष्य के साथ खिलवाड़ न करें, उनके लिए सही शिक्षण संस्थान का चयन करें।

नवनिर्मित विद्यालय भवन का लोकार्पण

आचार्य देवव्रत ने गुरुकुल के नवनिर्मित विद्यालय भवन ‘देवयान’ का लोकार्पण किया। आचार्य सत्यप्रकाश के ब्रह्मत्व में हुए विशेष अग्निहोत्र में आचार्यश्री एवं लेडी गर्वनर दर्शना देवी ने पूर्णाहूति दी। आचार्य दयाशंकर के नेतृत्व में वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त ‘देवयान’ का उद्घाटन किया गया।

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