बाल विधायकों ने नशाखोरी की बढ़ती समस्या पर जताई चिंता
शिमला, 12 जून (निस)
विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के मौके पर आज हिमाचल प्रदेश विधानसभा में आयोजित बाल सत्र में बाल विधायकों ने राज्य में नशाखोरी की बढ़ती समस्या पर चिंता जताई। बाल सत्र में प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष के बाल विधायकों ने नशाखोरी को लेकर कई सवाल पूछे और जब उन्हें इसका सत्तापक्ष से संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो इन बाल विधायकों ने नारेबाजी की और सदन के बीचों बीच आकर अपना विरोध भी जताया। बाल सत्र का आयोजन फ्यूचर सोसायटी द्वारा भारतीय जीवन बीमा निगम, प्रदेश विश्वविद्यालय के पत्रकारिता व जनसंचार विभाग और प्रदेश विधानसभा के सहयोग से किया गया।
सुझावों पर गंभीरता से विचार करेंगे : सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विधानसभा के बाल सत्र के दौरान आए बाल विधायकों के सुझावों पर सरकार गंभीरता से विचार करेगी। उन्होंने कहा कि जागरूक बच्चे ही देश के युवाओं की सोच को प्रकट करते हैं। मुख्यमंत्री ने बाल सत्र को संबोधित करते हुए घोषणा की कि प्रदेश सरकार स्कूलों में हर रोज 10 मिनट का योग सत्र आरम्भ करेगी। मुख्यमंत्री ने बाल विधायकों से कहा कि राजनीति स्टॉप गैप अरेंजमेंट नहीं बल्कि पूर्णकालिक कार्य है और यदि राजनीति में बने रहना है तो लगातार काम करते रहना होगा।
एआई की चुनौतियों का समाधान युवा पीढ़ी का जिम्मा
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नए संसार को जन्म दे रहा है और इससे आ रही चुनौतियों का समाधान युवा पीढ़ी की जिम्मेवारी है। हरिवंश नारायण सिंह ने बाल विधायकों को डिजिटल युग में भी अधिक से अधिक किताबें पढ़ने की सलाह दी।
बाल विधायक भी असल विधायकों की तरह चिंतित
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बाल सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि बाल विधायक असल विधायकों की तरह ही समाज के लिए चिंतित नजर आए, जो शुभ संकेत है।