उपचार के दौरान बच्चे की मौत, चिकित्सकों को देने होंगे 15 लाख
रेवाड़ी, 31 दिसंबर (हप्र)
13 साल के बच्चे के उपचार में बरती गई कथित लापरवाही को लेकर रेवाड़ी जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने प्राइवेट अस्पताल के दो डाक्टरों को पीड़ित परिवार को 15 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश सुनाया है। पीड़ित परिवार के अधिवक्ता ने पूरे मामले से अवगत कराते हुए बताया कि बिहार के रहने वाले चंदनदास परिवार के साथ धारूहेड़ा में रह रहे हैं और वे यहां एक कंपनी में जॉब करते हैं। उनका 13 वर्षीय पुत्र राजू धारूहेड़ा के राजकीय स्कूल में छठी कक्षा में पढ़ता था। 10 दिसंबर 2021 को स्कूल में खेलते समय उसके दायें हाथ में चोट लग गई। उसे धारूहेड़ा के निकटवर्ती शिवम अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डाक्टर हेमंत चतुर्वेदी ने उनका इलाज किया और हाथ में रॉड डाली। डाक्टर ने उन्हें रेगुलर चैकअप कराने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि 6 मई, 2022 को चंदनदास हाथ से रॉड निकलवाने के लिए राजू को लेकर डाक्टर हेमंत चतुर्वेदी के पास गया। राजू को बेहोशी की दवा देने के लिए दूसरे प्राइवेट अस्पताल से डाॅ. संजय को बुलाया गया था। उनके इंजेक्शन देने के बाद राजू की तबीयत बिगड़ गई और वह कोमा में चला गया। चंदनदास बेटे को लेकर दिल्ली पहुंचा और सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया। जहां 14 मई को उसने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। रेवाड़ी जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने दोनों डाॅ. हेमंत चतुर्वेदी व संजय शर्मा को दोषी ठहराते हुए पिता को 15 लाख मुआवजा देने का आदेश सुनाया।