मुख्य सचिव कार्यालय ने तलब की रिपोर्ट
चंडीगढ़, 9 जनवरी (ट्रिन्यू)
प्रदेश के सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मियों के तबादले के लिए प्रशासनिक सचिव व विभागाध्यक्षों को मुख्यमंत्री कार्यालय की मंजूरी लेना अनिवार्य है। मगर बोर्ड, निगम व विश्वविद्यालयों में सीएमओ की मंजूरी लिए बिना ही कर्मियों का तबादला किया जा रहा है। मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से विभागीय कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए स्थानांतरण की रिपोर्ट तलब की है। आगामी 13 जनवरी तक विभागों, बोर्ड, निगमों व विश्वविद्यालयों द्वारा किए गए तबादलों की रिपोर्ट मुख्य सचिव कार्यालय भेजनी होगी।
मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से सभी प्रशासनिक सचिव, विभागाध्यक्ष, बोर्ड, निगम व विश्वविद्यालयों को निर्देश दिए हैं कि ग्रुप-ए, बी, सी व डी के कर्मियों का स्थानांतरण मुख्यमंत्री कार्यालय की मंजूरी के बिना नहीं होंगे। यही नहीं, मुख्यमंत्री कार्यालय से मंजूर स्थानांतरण सलाह के बिना किसी भी कर्मी का स्थानांतरण नहीं होगा। एचआरएमएस पोर्टल के माध्यम से ही कर्मचारी का दूसरे स्थान पर तबादला किया जाएगा।
मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से राज्य के सभी मंडलायुक्त, उपायुक्त, विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को कर्मचारियों के स्थानांतरण बारे निर्देश जारी किए हैं। पत्र में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि 26 दिसंबर 2024 के निर्देशानुसार कोई भी विभाग/बोर्ड/निगम/विश्वविद्यालय अपने किसी भी ग्रुप ए, बी, सी और डी के कर्मचारी को मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त ‘स्थानांतरण सलाह’ के बिना स्थानांतरित नहीं करेगा। यदि इन निर्देशों की पालना न होने पर संबंधित अधिकारी व कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य सचिव कार्यालय ने विभागों, बोर्ड व निगमों द्वारा निर्देशों की अनुपालना न करने पर भी फटकार लगाई गई है। सीएस कार्यालय ने 26 दिसंबर के बाद किए तबादलों की रिपोर्ट आगामी 13 जनवरी तक विभागों से तलब की है।