Iconic Site Rakhigarhi : मुख्य सचिव ने राखीगढ़ी में हड़प्पा सभ्यता के अवशेषों को देखा
नारनौंद , 6 जनवरी (निस) : हरियाणा के मुख्य सचिव डॉ विवेक जोशी ने सोमवार को आईकॉनिक साइट राखीगढ़ी ( Iconic Site Rakhigarhi ) का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने पुरातत्व विभाग द्वारा किए जा रहे उत्खनन कार्य का अवलोकन किया और खुदाई के दौरान मिली हड़प्पा कालीन सभ्यता से सम्बंधित वस्तुओं के बारे में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अप्पर महानिदेशक डॉक्टर संजय कुमार मंजुल से जानकारी भी हासिल की।
इस दौरान उनके साथ मंडल आयुक्त ए. श्रीनिवास, उपायुक्त अनीश यादव, पुलिस अधीक्षक हमेंद्र कुमार मीणा, सर्कल इंचार्ज के.ए कोबोई और पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की उप निदेशक बनानी भट्टाचार्य भी मौजूद रहे।
Iconic Site Rakhigarhi : लाइट्स का किया अवलोकन
मुख्य सचिव डॉ विवेक जोशी ने राखीगढ़ी में गांव के अलग-अलग एरिया में बनी साइट्स का अवलोकन किया। उन्होंने निर्माणाधीन म्यूज़ियम को भी देखा। इसके बाद उन्होंने माउंट नम्बर एक, तीन, चार और पेरेट वॉल भी देखी। अवलोकन करने के बाद कहा कि यह अपने आप में हजारों साल पुरानी सभ्यता को समेटे हुए है। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि इस विश्वप्रसिद्ध साइट से अपने इतिहास से हम रूबरू हो सके।
प्रदेश का पुरातात्विक विभाग प्राचीन साइट्स को सहेजने में जुटा है। उन्हें इस दौरान टीलों का दौरा करने के बाद राखीगढ़ी में बन रहे संग्रहालय भवन का भी निरीक्षण दौरा किया। उन्होंने कहा कि यहां कैफेटेरिया, हॉस्टल भवन तथा विश्राम गृह बनकर तैयार हो चुके हैं। संग्रहालय भवन का कुछ निर्माण कार्य बाकी है, उसको भी जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस संग्रहालय में खुदाई के दौरान मिली हर वस्तु को संग्रहालय में रखा जाएगा ताकि लोग उस प्राचीन समृद्ध सभ्यता के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सके।
Iconic Site Rakhigarhi : युवाओं को दी जानकारी
राखीगढ़ी में गांव के युवाओं और ग्रामीणों ने भी मुख्य सचिव विवेक से मुलाकात की। साथ ही युवाओं ने विवेक जोशी को गांव में एक युवा द्वारा राखीगढ़ी के अंदर पहुंचने वाले टूरिस्ट को खुद के घर में ठहराव करवाकर यहां के बारे में जानकारी देने के काम के बारे में भी बताया।
म्यूज़ियम में रखा जाएगा सामान, स्टेडियम जैसी जगह मिली
हरियाणा के मुख्य सचिव विवेक जोशी को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ संजय कुमार मंजुल ने तीनों टीलों की जानकारी देते हुए बताया कि टीला नंबर तीन पर एक बड़ा स्ट्रक्चर मिला है, जिसे देखने पर ऐसा लग रहा है जैसे वो स्टेडियम हो। हालांकि अभी खुदाई शुरू हुई है। हड़पन काल के भी अलग-अलग दौर के प्रमाण मिले हैं। हजारों साल पहले राखीगढ़ी आज के आधुनिक शहर चंडीगढ़ की तर्ज पर बसा हुआ था। मकान तथा रिहायशी क्षेत्र से गंदे पानी की निकासी के लिए ड्रेनेज सिस्टम तथा कूड़ा करकट को डालने के लिए मिट्टी के बड़े-बड़े मटके गलियों के मोड के किनारे पर रखे जाते थे।
Iconic Site Rakhigarhi : नदी के भी मिले हैं प्रमाण
खुदाई के दौरान इन सब बातों का खुलासा हुआ है। यहां खुदाई के दौरान दो मंजिला मकान का ढांचा मिला है। इस मकान के भू- तल के दीवारों की चौड़ाई डेढ़ मीटर के लगभग है और इसके ऊपर बनी पहली मंजिल की दीवारें कम चौड़ाई की है, बीच से होकर एक गली भी गुजरती है। जो उनकी वास्तुकला की उच्च कोटि की समझ को दर्शाता है।
उन्होंने दावा किया कि राखीगढ़ी आईकॉनिक साइट से कुछ दूरी पर नदी के बहने के प्रमाण भी प्राप्त हुए हैं। यहां नदी के बेड मिले हैं। फिलहाल वहां उत्खनन नहीं चल रहा है। उत्खनन के दौरान अब तक यहां से लगभग 5000 साल पूर्व के मानव कंकाल, मिट्टी के बर्तन, पत्थर से बने चर्ट ब्लड, टेराकोटा बॉल जो सुरक्षा यंत्र के रूप में प्रयोग में लाई जाती थी, इत्यादि मिल चुके है।
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