मुख्यमंत्री जिला पदाधिकारियों से जान रहे प्रदेश की ग्राउंड रियल्टी
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 7 दिसंबर
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से ‘फ्री-हैंड’ मिलने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों की तैयारियों को तेज कर दिया है। संसदीय चुनावों की घोषणा भले ही फरवरी के आखिर या मार्च के पहले सप्ताह में होगी, लेकिन मनोहर सरकार इनके लिए अभी से कमर कस चुकी है। जिलों के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ बातचीत के जरिये सीएम जहां ग्राउंड रियल्टी जान रहे हैं, वहीं केंद्र व हरियाणा सरकार की योजनाओं को लेकर फीडबैक भी जुटा रहे हैं। सीएम एक साथ दो मोर्चों पर काम कर रहे हैं। जहां वे लोकसभा चुनावों को लेकर रणनीति बना रहे हैं वहीं अगले साल अक्तूबर में होने वाले विधानसभा चुनावों का भी खाका तैयार करने में जुटे हैं। सीएम ने प्रदेश के सभी 10 लोकसभा क्षेत्रों में जनता से संवाद करने, सरकार की योजनाओं को लाभार्थियों तक पहंुचाने, स्थानीय समीकरणों का पता लगाने आदि के साथ अपनी विश्वस्त टीम को मैदान में उतारा हुआ है। हर लोकसभा क्षेत्र के ऊपर उनकी टीम का एक व्यक्ति काम कर रहा है।
सीएम इस टीम के साथ हर सप्ताह बैठक करके अपडेट लेते हैं। बुधवार की शाम भी टीम के सदस्यों के साथ उन्होंने संवाद किया। वहीं बृहस्पतिवार को उन्होंने तीन जिलों – झज्जर, रोहतक और गुरुग्राम के मंडल अध्यक्षों, जिला प्रधानों व जिला प्रभारियों के साथ बैठक की। इसे पहले उन्होंने बुधवार को राजस्थान से सटे चार जिलों – भिवानी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी और चरखी दादरी के जिला नेताओं के साथ बैठक की थी।
अभी तक सीएम 19 जिलों के नेताओं के साथ संवाद कर चुके हैं। बाकी तीन जिलों – फरीदाबाद, पलवल और नूंह के पदाधिकारियों के साथ सीएम की बैठक 15 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बाद होगी। सूत्रों का कहना है कि लोकसभा और विधानसभा के लिए संभावित चेहरों पर भाजपा काम शुरू कर चुकी है। लोकसभा चुनाव किन्हें लड़वाया जा सकता है, ऐसे नेताओं के नामों का पैनल भी पार्टी तैयार कर चुकी है।
सूत्रों का कहना है कि इन चेहरों को लेकर भी मुख्यमंत्री जिलों के पदाधिकारियों के साथ चर्चा कर रहे हैं ताकि उनके बारे में और अधिक जानकारी जुटाई जा सके। बहुत संभव है कि इस बार भाजपा मौजूदा सांसदों में से आधे से अधिक को चुनावी रण में ना उतारे। हालांकि उन्हें विधानसभा में मौका मिल सकता है। लोकसभा में नये चेहरों पर दांव लगाने का मन लगभग पार्टी बना चुकी है। 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने प्रदेश की सभी 10 सीटों पर जीत हासिल की थी और इसी तरह का टारगेट इस बार तय किया है। जिलों के नेताओं से बातचीत के जरिये मुख्यमंत्री ग्राउंड की रियल्टी भी जान रहे हैं। वे यह पता लगाने की कोशिश में हैं कि कहां क्या कमियां रह गई हैं और उन्हें कैसे दूर किया जा सकता है। जिलों में सामूहिक विकास कार्यों को लेकर भी पदाधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं। इतना ही नहीं, अगर पदाधिकार किसी बड़ी परियोजना या आम लोगों से जुड़े सामूहिक कार्यों को लेकर सीएम के सामने बात रखते हैं तो उनकी गंभीरता से सुनवाई भी की जा रही है।
जनसंवाद से बनी नजदीकी
लोगों से केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं पर फीडबैक हासिल करने के लिए जनसंवाद कार्यक्रम शुरू कर चुके हैं। गांवों से शुरू किया जनसंवाद कार्यक्रम अब शहरों में भी होगा। सीएम ने पहले मंत्रियों, फिर सांसदों और अब विधायकों को भी जनसंवाद करने को कह दिया है। जनसंवाद कार्यक्रमों के जरिये जहां लोगों की समस्याओं का आभास सरकार को हो रहा है वहीं जनता के साथ नजदीकी भी बढ़ रही है।
मनोहर सरकार की हैट्रिक हमारा एजेंडा : जवाहर
सीएम के पूर्व ओएसडी जवाहर यादव ने कहाकि मुख्यमंत्री ने जनसंवाद कार्यक्रमों के साथ-साथ पार्टी पदाधिकारियों के साथ संवाद भी शुरू किया हुआ है। अभी तक 19 जिलों के प्रमुख नेताओं के साथ उनकी बैठकें हो चुकी हैं। बृहस्पतिवार को रोहतक, झज्जर और गुरुग्राम के पदाधिकारियों के साथ बैठक करके सीएम ने आगामी चुनावों की रणनीति को लेकर चर्चा की। साथ ही, केंद्र व राज्य सरकार की प्रमुख योजनाओं पर फीडबैक भी लिया। केंद्र में मोदी और हरियाणा में मनोहर सरकार की जीत की हैट्रिक लगाना ही हमारा प्रमुख एजेंडा है। तीन जिलों - फरीदाबाद, पलवल और नूंह के जिला पदाधिकारियों के साथ बैठक दिसंबर के आखिरी सप्ताह में होगी।