देव समाज की परंपराओं से आलोकित होगी छोटी काशी : चन्द्रशेखर
मंडी, 19 फरवरी (निस)
विधायक चंद्रशेखर ने मंडी महाशिवरात्रि मेले की आमसभा की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि मेले से छोटी काशी मंडी देव समाज की समृद्ध परंपराओं से आलोकित होगी। मेले में देव आस्था की समृद्ध परंपराओं का सम्यक निर्वहन किया जाएगा। उन्होंने सबकी भागीदारी से मेले के सफल आयोजन पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बहुआयामी चुनौतियों में बहुआयामी संकल्पों के साथ मेले का भव्य आयोजन किया जाएगा। इसमें देवी देवताओं के आदर सत्कार के साथ ही जनभावनाओं का पूरा सम्मान सुनिश्चित होगा। विधायक ने इस अवसर पर शिवरात्रि के आयोजन के लिए अपनी ओर से 1.51 लाख रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने कमेटी के सभी सदस्यों से भी मेले के आयोजन के लिए सक्रिय आर्थिक योगदान की अपील की। मंडी के संस्कृति सदन में सोमवार को हुई इस बैठक में मेले के आयोजन से जुड़ी विभिन्न उपसमितियों के गैर सरकारी और सरकारी सदस्यों ने अपने सुझाव रखे। विधायक ने सभी व्यवहारिक सुझावों को अमलीजामा पहनाने के लिए अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। बता दें, मंडी महाशिवरात्रि मेले की पहली जलेब 9 मार्च को निकाली जाएगी। मध्य जलेब 12 को तथा तीसरी व अंतिम जलेब 15 मार्च को निकलेगी। इनमें आकर्षक झांकियां भी सम्मिलित की जाएंगी।
सेरी मंच पर ही होंगी सांस्कृतिक संध्याएं
आमसभा में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि शिवरात्रि मेले की सांस्कृतिक संध्याओं का आयोजन पिछले वर्ष की भांति सेरी मंच पर होगा। सांस्कृतिक संध्याएं 9 मार्च से लेकर 14 मार्च तक होंगी। 5 संध्याएं रात्रि 10 बजे तक जबकि एक सांस्कृतिक संध्या रात्रि 12 बजे तक होगी। संध्याओं में आने वाले सम्मानित अतिथियों के बैठने की उपयुक्त व्यवस्था रहेगी। पत्रकार दीर्घा का अलग से प्रबंध होगा। यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने पर भी बल दिया गया। उन्होंने कहा कि मंडी साहित्य और कला की नगरी है। मेले में इन विधाओं को भी समुचित स्थान मिले। विधायक ने कहा कि शिवरात्रि मेला देवी देवताओं का मेला है। देवी देवता ही मेले की आत्मा हैं। यहां उनके आदर सत्कार के समुचित प्रबंध होंगे। इस बार भी मेले में 216 पंजीकृत देवी देवताओं को न्यूंद्रा दिया गया है। पिछली बार इनमें से 193 देवी देवता मेले में पधारे थे। विधायक ने शिवरात्रि मेले के अलावा भी देव समाज के लिए सुविधाओं के इजाफे पर चर्चा और उनसे जुड़ी समस्याओं के निराकरण के लिए निरंतर संवाद पर बल दिया।