Chhattisgarh Liquor Scam : ईडी का बड़ा एक्शन, भूपेश बघेल बेटे के परिसरों में मारे छापे
रायपुर, 10 मार्च (भाषा)
Chhattisgarh Liquor Scam : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित शराब घोटाला मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के बेटे के खिलाफ धनशोधन जांच के तहत उनके (पूर्व मुख्यमंत्री के) परिसरों पर सोमवार को छापे मारे।
इसके साथ ही कुछ दस्तावेजों के अलावा 30 लाख रुपये नकदी जब्त की। सूत्रों ने बताया कि दुर्ग जिले में भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के भिलाई परिसर, चैतन्य बघेल के कथित करीबी सहयोगी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल और कुछ अन्य के परिसरों समेत 14 ठिकानों की धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत तलाशी ली गई।
सूत्रों ने बताया कि छापेमारी सुबह करीब सात बजे शुरू हुई और ईडी के तलाशी दल के साथ सीआरपीएफ का सुरक्षा दल भी था। चैतन्य बघेल अपने पिता के साथ भिलाई में रहते हैं, इसलिए उस परिसर पर भी छापेमारी की गई। संदेह है कि वह (चैतन्य बघेल) शराब घोटाले के अपराध से हुई आय के ‘‘प्राप्तकर्ता'' हैं। 8 घंटे तक चली तलाशी के शाम में समाप्त होने से पहले करीब 30 लाख रुपये नकद जब्त किए गए। ईडी पूर्व मुख्यमंत्री के आवास पर नकदी गिनने की मशीन भी लेकर आई।
बाद में भूपेश बघेल ने बताया कि ईडी के अधिकारी ‘‘अपने साथ लगभग 33 लाख रुपये नकद ले गए, लेकिन कोई सोना या आभूषण जब्त नहीं किया गया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने ईडी अधिकारियों से मामले की ईसीआईआर (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट, जो पुलिस प्राथमिकी के समकक्ष ईडी प्राथमिकी है) के क्रमांक के बारे में पूछा, लेकिन उन्होंने कहा कि ‘‘कोई ईसीआईआर क्रमांक नहीं है। भूपेश बघेल ने कहा कि तो फिर जांच किस बारे में है? इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि विधानसभा में सवाल पूछना अब अपराध है। कवासी लखमा (कांग्रेस विधायक) ने सवाल पूछे और उन्हें (पहले ईडी ने) गिरफ्तार कर लिया...।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दुर्ग जिले में कुल 14 ठिकानों पर छापेमारी की गई। कांग्रेस ने कहा कि बघेल परिवार के खिलाफ छापेमारी ऐसे दिन ‘‘सुर्खियां जुटाने'' की ‘साजिश' है, जब संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू हुआ है और सरकार को कई मुद्दों पर विपक्ष के सवालों का सामना करना पड़ रहा है। छापेमारी के तुरंत बाद, भिलाई में बघेल के घर के बाहर कांग्रेस के कई नेता और कार्यकर्ता एकत्र हो गये और दावा किया कि यह केंद्र की साजिश है। ईडी अधिकारियों ने बताया कि बघेल के घर के बाहर जमा हुए कांग्रेस समर्थकों ने उनकी गाड़ियों को रोक लिया और जब टीम वहां से निकल रही थीं, तो एक पत्थर उनकी कार के शीशे पर लगा। इस घटना में पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करने पर विचार कर रही है।
ईडी ने पहले कहा था कि छत्तीसगढ़ शराब ‘घोटाले' के कारण राज्य के राजस्व को ‘‘भारी नुकसान'' हुआ और इस अपराध से प्राप्त 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेब में गई। इस मामले में ईडी ने जनवरी में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा के अलावा रायपुर के महापौर और कांग्रेस नेता एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) के अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और कुछ अन्य को गिरफ्तार किया था। कथित शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी। इस जांच के तहत ईडी ने अब तक विभिन्न आरोपियों की लगभग 205 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।