महान योद्धा, रणनीतिकार और शासक थे छत्रपति शिवाजी महाराज
करनाल, 19 फरवरी (हप्र)
छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर डीएवी पीजी कॉलेज के एनएसएस प्रकोष्ठ के तत्वावधान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया और उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनको याद किया गया।
इस अवसर पर कॉलेज प्राचार्य डॉ. रामपाल सैनी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज भारत के महान योद्धा, रणनीतिकार और शासक थे। वे युद्ध रणनीति और प्रशासनिक कौशल में महारत रखते थे। उन्होंने प्राचीन हिंदू राजनीतिक पंरपराओं, अदालती सम्मेलनों को दोबारा जीवित किया और प्रशासन में फारसी की जगह मराठी और संस्कृत भाषाओं के उपयोग को बढ़ावा दिया। छत्रपति शिवाजी महाराज ने ही सबसे पहले भारत में गोरिल्ला युद्ध का आंरभ किया था। यह युद्ध शैली आज भी सैन्य रणनीति की एक महत्वपूर्ण विधा के रूप जानी जाती है। इस शैली को वियतनाम के सैनिकों ने अपनाकर अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश से जंग जीत ली थी। वीर शिवाजी महाराज ने अपनी इस युद्ध कौशल के माध्यम से देश की आजादी के लिए महत्वपर्ण योगदान दिया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को भी उनकी बहादुरी से प्ररेणा लेकर देश सेवा के लिए तैयार रहना चाहिए। शिवाजी महाराज ने मुगलों और अन्य विदेशी शक्तियों के खिलाफ युद्ध लड़े और भारतीय संस्कृति और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए संघर्ष किया। इस मौके पर डॉ. जितेंद्र चौहान, डॉ. संजय गुप्ता, शविक्रम हरित, हरि सिंह, स्वयंसेवक प्रदीप कुमार, मनीष, मावी, सुरेंद्र, पुनीत, कर्ण और केशव मौजूद रहे।