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हर घर पहुंचेगा शतरंज, 65 करोड़ का बजट पेश

08:59 AM May 08, 2024 IST
हर घर पहुंचेगा शतरंज  65 करोड़ का बजट पेश
नई दिल्ली में मंगलवार को एआईसीएफ का वार्षिक बजट पेश करते नितिन नारंग।
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चंडीगढ़, 7 मई (ट्रिन्यू)
अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) ने ‘हर घर शतरंज’ पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। गली-मोहल्लों में शतरंज की प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शतरंज के खिलाड़ियों को तैयार किया जाएगा। महासंघ ने सालभर की गतिविधियों के लिए 65 करोड़ रुपये का बजट रखा है। महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन नारंग ने नई दिल्ली में बजट पेश किया।
यहां बता दें कि दो माह पूर्व ही देशभर के राज्यों के पदाधिकारियों ने मिलकर हरियाणा के करनाल निवासी नितिन नारंग को महासंघ की कमान सौंपी थी। बजट का इस्तेमाल पेशेवर और जमीनी स्तर के खिलाड़ियों को वित्तीय और संस्थागत सहायता प्रदान करने में किया जाएगा। राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों के लिए एआईसीएफ प्रो और एआईसीएफ पॉपुलर जैसे कार्यक्रमों का शुभारंभ करने की योजना इस बार बनाई है। इसके तहत ही महासंघ ने ‘हर घर शतरंज’ मुहिम को सिरे चढ़ाने का प्लान बनाया है।
महासंघ की बैठक में ‘चेस डेवलपमेंट’ फंड बनाने पर भी सहमति बनी। इसके तहत सभी स्तरों पर खिलाड़ियों के साथ अनुंबध और कोचिंग के जरिए वित्तीय सहायता भी दी जाएगी। जिला और राज्य संघों को आर्थिक सहायता दी जाएगी। विशिष्ट स्तर के प्रशिक्षण के लिए एक अत्याधुनिक नेशनल चेस एरेना (एनसीए) की स्थापना करने का निर्णय भी महासंघ ने लिया है। बैठक में विशेष रूप से भारत के लिए एआईसीएफ रेटिंग सिस्टम को भी मंजूरी दी। बजट पेश करने के बाद मीडिया से रूबरू हुए नितिन नारंग ने कहा कि अब चेस खिलाड़ियों के सामने फंड की कमी नहीं आएगी। उन्होंने कहा, ‘घर-घर शतरंज-हर घर शतरंज’ के मोटो को साकार करने के लिए पूरा महासंघ सभी जिला व प्रदेश यूनिट के साथ मिलकर काम करेगा।

यह होगा एजेंडा

एआईसीएफ अध्यक्ष नितिन नारंग ने कहा कि राज्य संघों को पंद्रह लाख तक की आर्थिक मदद की जाएगी और तीन वर्षों तक उन्हें सपोर्ट किया जाएगा। इतना ही नहीं, भारत के लिए खास प्लेयर रैंकिंग सिस्टम की शुरुआत होगी। यानी एआईसीएफ प्रो के तहत सभी आयु वर्ग में 2 करोड़ के बजट के साथ 42 खिलाड़ियों के लिए राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी कांट्रेक्ट शुरू कर सकेंगे। टॉप 20 एफआईडीई-रेटेड खिलाड़ियों को 25 लाख और 12 लाख 50 हजार रुपये प्रतिवर्ष का अनुबंध मिलेगा। इसका कुल खर्च 4 करोड़ रुपये होगा। महासंघ की कोशिश है कि युवाओं से लेकर वरिष्ठ नागरिकों तक हर पीढ़ी में हर घर में शतरंज खेला जाए। इसमें महिलाओं को शामिल करने पर फोकस किया जाएगा।

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