हर गांव से निकालेंगे चेस मास्टर, हर घर में शतरंज पहुंचाने की कवायद
रमेश सरोए/ हप्र
करनाल,17 मार्च
देश में शतरंज के बारे में ज्यादा लोकप्रियता नजर नहीं आती, लेकिन शतरंज ऐसा दिमागी खेल हैं। जिससे दिमाग शांत चित होकर तेजी से काम करता है। यही नहीं शतरंज क्रिकेट या गोल्फ जैसा महंगा खेल नहीं है। ये बातें करनाल सेक्टर निवासी अखिल भारतीय शतरंज महासंघ के नव नियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन नारंग ने कही।
राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन नारंग ने बताया कि शतरंज खेल को घर-घर लेकर जाना है, प्रतिभा को ग्रास रूट से निकालने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे ताकि खिलाड़ी न केवल भारत बल्कि दुनिया में देश का नाम रोशन कर सकें। खेल का देश के हर गांव, हर घर में प्रचार प्रसार हो। इसके लिए जतन किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि शतरंज को घर-घर में कैसे पहुंचाया जाए, इसके लिए उन्होंने एक खाका तैयार किया है, जिसे राष्ट्रीय कार्यकारिणी के साथ विचार विमर्श कर धरातल पर उतारा जाएगा। उन्होंने कहा कि हर गांव-शहर में प्रतिभाएं भरी पड़ी हैं, बस देर है उन्हें तराश कर निखारने की। अखिल भारतीय शतरंज महासंघ उभरते होनहार खिलाड़ियों को एक बेहतर मंच प्रदान करता है। हरियाणा में शतरंज के उपाध्यक्ष अब दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में देश में सबसे कम उम्र 36 वर्ष के अखिल भारतीय शतरंज महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्वसम्मति से चुने गए, जो एक रिकार्ड है। गुजरात के देव पटेल भी सबसे कम उम्र के महासंघ सचिव चुने गए हैं।
‘खिलाड़ियों की आर्थिक परेशानी दूर करेंगे’
राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन नारंग ने कहा कि उनका पूरा ध्यान देश के रैकिंग के खिलाड़ियों पर रहेगा, उन्हें स्पोंसर्सशिप मिले।
जिससे खिलाड़ियों का पूरा ध्यान खेल पर ही केंद्रित रहे, उनके सामने आर्थिक चुनौतियां पेश न आएं। देश से शतरंग के ग्रेड मास्टर निकलें। उनका पूरा फोकस विश्वनाथन आनंद, निहाल सरीन, पांटल हरिकृष्ण और विदित गुजराती जैसे चैंपियन महासंघ ने देश को दिए हैं, ऐसे चैंपियन की फौज देश में हो। उन्होंने कहा कि 2022 में देश में ओलपिंयाड हुआ था, उसके बाद अब वर्ल्ड शतरंज चैपिंयनशिप गुजरात में आयोजित की जाएगी। इसकी तैयारियां पूरे जोर शोर से चल रही है। चैपिंयनिशप में देश के खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करेंगे।