रत्ता नदी में धड़ल्ले से गिराया जा रहा फैक्टरियों का कैमिकलयुक्त गंदा पानी
बीबीएन, 30 सितंबर (निस)
जिला परिषद सदस्य अमर चंद संधू ने कहा कि रत्ता नदी दिन-प्रतिदिन अपना अस्तित्व खोती जा रही है। पिछले काफी अर्से से इस नदी को खनन माफिया ने छलनी कर दिया है। अब कंपनियों के निशाने पर यह नदी है। अमर संधू ने बताया कि इस नदी में कुछ कंपनियों द्वारा कैमिकलयुक्त जहरीला गंदा पानी छोड़ा जा रहा है। कई बार शिकायत करने के बावजूद इन कंपनियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि पाइपलाइन डालकर नदी में पानी छोड़ा जा रहा है। ऐसे में अब यह नदी गंदगी का अड्डा बनकर रह गयी है। जहरीले कैमिकलयुक्त पानी के साथ-साथ काली राखी के बड़े-बड़े ढेर, कूड़े के ढेर, कंपनियों का मलबा इस कदर गिराया जा रहा है कि मानो अब यह नदी डंपिंग साइट ही बन गयी हो। इन कंपनियों को पूछने वाला कोई नहीं, न ही इन्हें किसी महकमे के डर है। पर्यावरण नियमों की सरेआम अवहेलना की जा रही है। इस संबंध में जिला परिषद सदस्य अमर चंद संधू ने कहा कि एक फार्मा कंपनी ने तो हद ही कर रखी है। कंपनी की ओर से सरेआम पानी नदी में छोड़ा जा रहा है। यह कैमिकल युक्त रंगीन जहरीला पानी मानवीय जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। इसके चलते चरवाहे पशु भी नहीं चरा सकते। यही नहीं, इस गंदे पानी के सरसा नदी में मिलने से कई बार मछलियां मर चुकी हैं। अमर संधू ने कहा कि अब इस नदी में गंदगी फैलाने और कैमिकलयुक्त जहरीला पानी छोड़ने का मामला जिला परिषद की बैठक में प्रमुखता से उठाया जाएगा।