खतरे में चीका पंचायत समिति चेयरपर्सन की कुर्सी!
जीत सिंह सैनी / निस
गुहला चीका, 26 नवंबर
चीका पंचायत समिति की चेयरपर्सन के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर 27 नवंबर को मतदान होगा। जिला प्रशासन ने वोटिंग के लिए बुधवार दोपहर अढ़ाई बजे का समय निर्धारित किया है। इसको को लेकर स्थानीय स्तर पर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। चीका पंचायत समिति की चेयरपर्सन डिंपल रानी को कुर्सी से हटाने के लिए गत 18 नंवबर को 18 पार्षदों ने एडीसी कैथल दीपक बाबू लाल करवा से मिल अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए समय मांगा था। एडीसी ने वोटिंग के लिए 27 नवंबर का दिन निर्धारित किया था। अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद से ही कई पार्षद भ्रमण के लिए शहर से बाहर चले गए थे और उनकी मंगलवार देर रात या वोटिंग से पहले चीका पहुंचने की संभावना है। पुष्ट सूत्रों से जानकारी यह भी मिली है विश्वास प्रस्ताव लाने वाले 18 पार्षदों की संख्या अब बढ़कर 19 हो गई है। चीका ब्लाक समिति में कुल 23 सदस्य हैं लेकिन वार्ड नंबर 14 से पार्षद ज्योति रानी अपने पद से इस्तीफा दे चुकी है और उनका इस्तीफा मंजूर भी हो गया है। अब वोटिंग में 22 पार्षद ही भाग ले पाएंगे।
भाजपा प्रत्याशी का विरोध पड़ सकता है मंहगा
दो साल पहले भाजपा के पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर के प्रयासों से डिंपल रानी गुहला ब्लाक समिति की चेयरपर्सन बनी थी लेकिन बाद में उनके पति भगत सिंह कांग्रेस में शामिल हो गए। विधानसभा चुनाव के दौरान भगत सिंह ने खुलकर कांग्रेस का समर्थन किया था और कई बार कांग्रेस नेताओं के साथ मंच साझा किए थे। चुनाव में भाजपा प्रत्याशी कुलवंत बाजीगर का विरोध करने का खामियाजा भगत सिंह को अपनी पत्नी डिंपल रानी की चेयरपर्सन की कुर्सी से हाथ धोकर भुगतना पड़ सकता है।
विकास कार्यों में बाधा बनने वालों का हटना जरूरी : बाजीगर
अविश्वास प्रस्ताव के लिए पार्षदों की अगुवाई कर रहे पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर ने कहा कि नायब सैनी की सरकार हर एक हलके का एक समान विकास करवा रही है लेकिन गुहला में चेयरमैन जैसे पदों पर बैठे विरोधी पार्टियों के लोग विकास कार्यों में बाधा डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक इन्हें हटाया नहीं जाएगा तब तक सरकार की योजनाओं का पूर्ण लाभ जनता तक नहीं पहुंच पाएगा। बाजीगर ने बताया कि डिंपल रानी को चेयरपर्सन पद से हटाने के लिए सभी पार्षद एकजुट हैं।