चातुर्मास काल देता है सदैव परिवर्तन का अवसर : गुप्ति सागर
सोनीपत, 9 जुलाई (हप्र)
उपाध्याय गुप्ति सागर मुनिराज के 46वें मंगलमय चातुर्मास पर रविवार को गन्नौर, जीटी रोड स्थित गुप्तिधाम में आयोजित मंगल कलश स्थापना समारोह धूमधाम से मनाया गया। दो दिन से चल रही झमाझम बारिश के बावजूद हरियाणा के अलावा दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड से काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने समारोह में पहुंचकर महाराजश्री से आशीर्वाद प्राप्त किया।
गुप्ति सागर महाराज ने अपने संबोधन में चतुर्मास की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि इस दौरान जैन संत-मुनि यात्रा नहीं करते हैं बल्कि वे एक ही जगह रहकर भगवान की भक्ति करते हैं। उन्होंने कहा कि चातुर्मास के दौरान कुछ नियमों का पालन हर इंसान को जरूर करना चाहिए। मुनिराज ने कहा कि चातुर्मास में नियमों का पालन करने से व्यक्ति का जीवन अनुशासित होकर धर्म की ओर कदम बढ़ाता है। जैन धर्म में चातुर्मास का अत्याधिक महत्व है। उन्होंने कहा कि चातुर्मास काल सदैव अध्यात्मिक वातावरण और अच्छे विचार परिवर्तन का अवसर प्रदान करते हैं। जैन मुनि गुप्ति सागर महाराज ने कहा कि जिस प्रकार बादल की सार्थकता बरसने में है, पुष्प की सुगंध में तथा सूर्य की सार्थकता रोशनी में है, उसी प्रकार चातुर्मास की सार्थकता परिवर्तन में है। परिवर्तन करना है बुराई का अच्छाई में, नफरत का प्रेम में, अधर्म का धर्म, हिंसा का अहिंसा, झूठ का सत्य में। इस अवसर पर ब्रह्मचारिणी बहन रंजना दीदी, सोनीपत अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन एसके जैन, तहसीलदार जिवेंद्र मलिक, तहसीलदार विकास, पवन जैन, सोनी, अमित जैन मुन्ना, नरेंद्र जैन, मुकेश जैन, मनुजा जैन मौजूद रहे।