चातुर्मास केवल साधुओं का नहीं बल्कि श्रावकों का भी है : देवेंद्र कादियान
गन्नौर (सोनीपत), 3 नवंबर (हप्र)
सत्संग सुनने से मनुष्य को पुण्य की प्राप्ति होती है। सत्संग में आने पर संतों के वचनों पर अमल करना चाहिए। मनुष्य इस बात को जानता है कि मौत अटल सत्य है, लेकिन इसके बाद भी धन कमाने के चक्कर में अधर्म करता है। इसलिए अच्छे कर्म करने चाहिए ताकि मनुष्य जीवन मिलने का फायदा मिले।
यह बात रविवार को गांव पुरखास की जैन स्थानक में चातुर्मास के दौरान प्रवचन करते हुए जैन मुनि शिवेंद्र ने कही। जैन मुनि शिवेंद्र ने कहा कि सत्संग और कथा भगवान के ही अंग है। इनके सुनने से व्यक्ति का कल्याण तो होता ही है, उसे आत्मिक शांति भी मिलती है। भगवान की भक्ति तब तक सफल नहीं हो सकती जब तक हम इंसान बनकर नहीं जीते। सत्संग रोगनाशक है क्योंकि इसमें भगवान की वाणी है। अत: हमें सत्संग करने का कोई भी अवसर गंवाना नहीं चाहिए।
इस दौरान गन्नौर विधायक देवेंद्र कादियान ने पुरखास जैन स्थानक में पहुंचकर जैन मुनियों के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया और यहां चातुर्मास में तपस्या करने वाले श्रद्धालुओं को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि चातुर्मास केवल साधुओं का नहीं बल्कि सभी श्रावकों का भी है। श्रावक जन चातुर्मास करके संयम से लेकर अनेक प्रकार के पुण्य उपार्जन करते है, चातुर्मास के अवसर पर संत एक ही स्थान पर रहकर उपवास आदि क्रियाएं करते है।
कादियान ने कहा कि वह सौभाग्यशाली है कि उन्हें गन्नौर में जैन मुनि संतों का आशीर्वाद मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जैन समाज अहिंसा का संदेश देता है। जीओ और जीने दो के संदेश को हमें जीवन में उतारना चाहिए। जैन संत समाज को नशा, सामाजिक बुराइयों से दूर करने का संदेश देते है।
इस अवसर पर हितेश मुनि, सरपंच प्रतिनिधि सुनील, प्रधान रोहताश दहिया, बिजेंद्र राठी, सुरेंद्र राठी, जोगेंद्र, राजेश, रोहताश, रणबीर, विजय राठी, अमित राठी, राजेश पंच, कुलदीप, अमित, जोगेंद्र, महासिंह आदि भी मौजूद रहे।