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चरचा हुक्के पै

11:00 AM Feb 12, 2024 IST
चरचा हुक्के पै
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राज्यसभा सीट को लेकर मारामारी

हरियाणा में राज्यसभा की खाली हो रही एक सीट के लिए कई दावेदार मैदान में हैं। स्थिति ‘एक अनार सौ बीमार’ वाली हो गई है। पता लगा है कि भाजपा की गठबंधन सहयोगी जजपा भी इस सीट के लिए चाहवान थी। कोशिशें भी की गई, लेकिन दिल्ली से मना कर दिया गया। ऐसे में जजपा वाले भाई लोग शांत होकर बैठ गए हैं। भाजपा में कई ऐसे ‘उतरे हुए मंत्री’ हैं, जो अब राज्यसभा जाकर छह साल की राजनीति सैट करना चाहते हैं। इस बीच, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के नाम की चर्चा भाजपा गलियारों में चलने के बाद राज्यसभा के सपने संजो रहे ‘भाई लोगों’ की उम्मीदों को झटका भी लगा है। बेशक, नड्डा का केवल नाम चर्चा में है। अभी तय कुछ भी नहीं है, लेकिन दावेदार भाई लोगों की नींद उड़ी हुई है।

‘काका’ सबसे आगे

लोकसभा चुनावों को लेकर बाकी पार्टियों से आगे रहने के दावे पर अपने ‘काका’ खरे उतरे हैं। सभी दस लोकसभा क्षेत्रों में चुनावी कार्यालय खोल चुकी भाजपा ने करीब 20 हजार बूथों पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक का चौबीस घंटे का प्रवास करवा कर बाजी मारी ली है। काका और उनकी टीम चुनावी तैयारियों को अमलीजामा पहनाने में पूरी शिद्दत से लगी है। तैयारियों के मामले में विपक्षियों को पछाड़ रहे काका अपने स्तर पर सभी दस सीटों के लिए सर्वे भी करवा चुके हैं। बेशक, केंद्रीय नेतृत्व अपने सर्वे के हिसाब से निर्णय करेगा, लेकिन टिकट आवंटन में काका की पसंद-नापसंद अहम रहेगी। इसी वजह से इन दिनों ‘काका’ के दिल्ली दौरे भी बढ़े हुए हैं।

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राजा साहब की बल्ले-बल्ले

अहीरवाल वाले ‘राजा साहब’ के विरोधियों के मंसूबों पर पानी फिर गया है। रेवाड़ी के मनेठी-माजरा एम्स को लेकर पार्टी के अंदर भी और बाहर भी उनके विरोधियों द्वारा उन्हें घेरा जा रहा था। 2019 में मनेठी में एम्स का ऐलान केंद्रीय कैबिनेट ने किया था। कई तरह की अड़चनों की वजह से यह प्रोजेक्ट लटकता ही जा रहा था। उनके विरोधियों के पास ‘राजा साहब’ को घेरने का यही मुद्दा बचा था। अब पीएम नरेंद्र मोदी का 16 फरवरी को रेवाड़ी दौरा और एम्स का शिलान्यास तय होने के बाद उन भाई लोगों को तगड़ा झटका लगा है, जो इस मुद्दे पर लगातार राजा साहब को घेरते आ रहे थे। तय हुई तारीख ने विरोधियों के मुंह पर ताला लगाने का काम किया है। यानी विरोधियों के हाथों से बड़ा मुद्दा छिन गया है।

फिर बढ़ी मुश्किलें

गुरुग्राम में राबर्ट वाड्रा और डीएलएफ भूमि सौदे में नया मोड़ आ चुका है। इस मामले में हरियाणा पुलिस ने पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में हलफनामा दायर करके बताया है कि इस मामले में अब धारा-423 जोड़ दी है। पुलिस ने माना है कि इस भूमि सौदे में बेईमानी हुई और इसकी विस्तृत जांच की जा रही है। यहां बता दें कि इस मामले में राबर्ट वाड्रा के अलावा सांघी वाले ताऊ सहित कई लोगों को पार्टी बनाया हुआ है। पुलिस की इस नई कार्रवाई के बाद एक बार फिर से मामले में आरोपियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वहीं दूसरी ओर, ताऊ के सबसे नजदीकी अफसरों में शामिल रहे 1976 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस एमएल तायल के खिलाफ भी सीबीआई ने आरोप तय किए हैं। तायल पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप हैं। इस मामले में उनके परिवार के अन्य सदस्य भी शामिल हैं।

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ये मुलाकात क्या कहलाती है

अपने बांगर वाले चौधरी और सांघी वाले ताऊ के बीच पिछले कुछ समय से नजदीकियां बढ़ती दिख रही हैं। पिछले दिनों ताऊ ने अपनी दिल्ली कोठी पर मीडिया के अलावा कई नेताओं को लंच पर आमंत्रित किया था। हर साल होने वाले इस खास लंच में इस बार बांगर वाले चौधरी भी परिवार सहित पहुंचे हुए थे। ताऊ और उनके परिवार ने घर आए मेहमानों का पूरे जोश से स्वागत किया। इसके दो दिन बाद ही बांगर वाले चौधरी और सांघी वाले ताऊ कुरुक्षेत्र में फिर घंटों साथ बतियाते नजर आए। चौधरी और ताऊ की इन मुलाकातों को खास चश्मे की नजर से देखा जा रह है। हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर इन मुलाकातों के पीछे राज क्या है।

कांग्रेस महारथियों को लेकर सस्पेंस

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ निकाल रहे हैं। उन्होंने सभी राज्यों के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से लोकसभा चुनाव लड़ने का भी आह्वान किया है। दरअसल, राहुल इस पक्ष में हैं कि सभी दिग्गज नेताओं को चुनावी रण में उतारने से ही भाजपा का मुकाबला किया जा सकता है। वहीं हरियाणा में राहुल की उम्मीदों से उलट गंगा बह रही है। बड़े नेताओं का चुनाव लड़ना तो दूर, हरियाणा के अधिकांश दिग्गज नेताओं ने लोकसभा चुनाव की टिकट के लिए आवेदन तक नहीं किया है। प्रदेश के लोगों में भी कांग्रेस के महारथियों को लेकर सस्पेंस बना हुआ है।

अब चुनावी तैयारी

अफसरशाही का सियासत के प्रति रुझान बढ़ रहा है। कई सेवानिवृत्त आईएएस-आईपीएस अधिकारियों की तरह अब कस्टम वाले अधिकारी भी ‘नेता’ बनने की जुगत में हैं। पैतृक गांव बाढ़डा (चरखी दादरी) हलके में पड़ता है, इसलिए यहां से चुनावी रण में उतरने का ख्वाब संजो रहे हैं। सांघी वाले ताऊ के साथ नजदीकियां भी बढ़ा रहे हैं। कस्टम वाले इन अधिकारी के बड़े भाई हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। यानी अधिकारी महाेदय ने अब भाई की तरह की राजनीति में आने का मन बना लिया है। देखते हैं, कितना कामयाब होते हैं।

जब भावुक हुए भाई साहब

सांघी वाले ताऊ के सांसद पुत्र यानी ‘भाई साहब’ झज्जर में हुए कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान भावुक हो गए। अकसर लोगों के बीच रहने वाले और कभी किसी का बुरा नहीं मनाने वाले ‘भाई साहब’ की 2019 के लोकसभा चुनावों में मामूली मतों से हार हो गई थी। मंच संचालन कर रही पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने इस हार का मलाल जताते हुए उन्हें विश्वास दिलाया कि इस बार पुरानी कमी को पूरा कर दिया जाएगा। खुद भावुक हुई गीता भुक्कल को देखकर ‘भाई साहब’ भी भावुक हो गए। मंच पर बैठे-बैठे ही वे अपनी आंखों को पोंछते हुए नजर आए।
-दादाजी

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