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विडंबनाओं से जूझते पात्र

11:36 AM Jun 18, 2023 IST

मनमोहन गुप्ता मोनी

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अमृतलाल मदान का नाम नाटक की दुनिया में नया नहीं है। उनकी हाल ही में प्रकाशित पुस्तक ‘मनमंच के रंग’ भाग-1 में 30 लघु नाटक हैं, जिनमें बाल नाटक, एकल नाटक, हास्य व काव्य नाटक शामिल हैं। हमारे आसपास पात्र और विषय बिखरे पड़े हैं। यहीं से इन पात्रों को उठाकर नाटकों में पिरोया गया है। लेखक अमृतलाल मदान का भी कहना है कि सामाजिक जीवन में मनुष्य के चारों ओर सजीव पात्र हैं, जो अपनी-अपनी विडंबनाओं और जटिल परिस्थितियों से जूझ रहे हैं, जिनका यहां नाटकीकरण किया गया है।

नाटकों की खासियत यह है कि चलते-फिरते दो लोगों के वार्तालाप को भी ऐसे सलीके से पेश किया गया है कि वह अपने आप में पूर्ण स्क्रिप्ट बन जाती है। कायाकल्प, डार्क मैटर आदि ऐसे कई नाटक हैं जिनके पात्र हल्की-फुल्की बातचीत को इस अंदाज में पेश करते हैं कि एक भरपूर कथानक आंखों के सामने कौंधने लगता है।

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‘सुरक्षा कवच’ एक ऐसा लघु नाटक है जो पूरी तरह से काव्यात्मक है। इसमें युवक की आत्मा, सड़क आदि पात्रों के रूप में पेश किए गए हैं। इसी प्रकार ‘दो आसमानों में’ काव्यात्मक लघु नाटक के पात्र कबूतरी और कबूतर हैं, जो मनमंच पर अमिट छाप छोड़ जाते हैं। हास्य नाटक ‘हियरिंग एड’ को पढ़ते ही चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि पुस्तक के सभी नाटक रोचक हैं।

पुस्तक : मनमंच के रंग (भाग-1) नाटक संग्रह लेखक : अमृतलाल मदान प्रकाशक : लिटरेचर लैंड, नयी दिल्ली पृष्ठ : 111 मूल्य : रु. 395.

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