स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगा नशे के प्रति जागरूकता पर आधारित अध्याय
शिमला, 26 जून (हप्र)
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि राज्य सरकार मादक पदार्थों के दुरुपयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए स्कूली पाठ्यक्रम में एक अध्याय शामिल करने जा रही है। मुख्यमंत्री ने मादक पदार्थों के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर आज शिमला में आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए समाज के हर वर्ग से हिमाचल प्रदेश को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए मादक पदार्थों के दुरुपयोग के खिलाफ अभियान का हिस्सा बनने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने मादक पदार्थों के दुरुपयोग और तस्करी के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है और नशा तस्करी में संलिप्त लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा रही है। नशे से बाहर आए लोगों को रोज़गार और उनका कौशल उन्नयन कर उन्हें मुख्य धारा से जोड़ा जा रहा है। इसी उद्देश्य से सिरमौर ज़िला के कोटला-बड़ोग में 5.34 करोड़ रुपये की लागत से 100 बिस्तर क्षमता का आधुनिक नशा मुक्ति केन्द्र स्थापित किया जा रहा है जिसका निर्माण कार्य आरंभ कर दिया गया है।
ये लोग हुए सम्मानित : सीएम सुक्खू ने उपस्थित लोगों को नशे के विरुद्ध शपथ दिलाई तथा राज्य में नशा निवारण के प्रति उत्कृष्ट कार्यों के लिए विभिन्न संस्थाओं और व्यक्तियों को सम्मानित किया। इनमें ज़िला कुल्लू के भुंतर नशा मुक्ति केन्द्र के डॉ. सत्याव्रत वैद्य, जिला कांगड़ा के बजीर राम सिंह, राजकीय महाविद्यालय देहरी के प्राचार्य प्रो. सचिन कुमार, जिला सिरमौर कलगीधर ट्रस्ट बडू साहिब, एक पहल वेलफेयर सोसायटी बिलासपुर, गुंजन ऑर्गेनाइजेशन फॉर कम्युनिटी डेवलपमेंट जिला ऊना, जिला सोलन के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह, जय बाबा कमलाहिया अाराधना ज़िला हमीरपुर, ज़िला शिमला के चौपाल की मानव कल्याण सेवा समिति कराई, ज़िला शिमला के रोहड़ू के चिड़गांव के एन्टी ड्रग फोर्स के अध्यक्ष नरेन्द्र चौहान, प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय जिला मंडी और जिला कुल्लू के विकास खंड निरमंड की ग्राम पंचायत जगातखाना शामिल हैं।