For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

बदलाव जो करायें अहसास खुशनुमा सुबह का

10:33 AM Nov 20, 2024 IST
बदलाव जो करायें अहसास खुशनुमा सुबह का
Advertisement

दिनभर ऊर्जावान रहने के लिए जरूरी है कि सुबह खुशनुमा हो, तन-मन में ताजगी व स्फूर्ति हो। लेकिन सोने के दौरान होने वाले हॉर्मोनल बदलावों, प्रतिकूल तापमान या फिर गहरी नींद की कमी आदि के चलते सुबह मूड बेहतर नहीं रहता है। हर सुबह बेहतर फील कराने को आवास, माहौल व जीवनशैली में बदलाव कारगर उपाय हैं।

Advertisement

शिखर चंद जैन

कहते हैं कि आगाज़ अच्छा हो, तो अंजाम भी अच्छा होता है। ठीक ही तो है, दिन की शुरुआत यानी सुबह अच्छी हो, तो पूरा दिन अच्छी तरह बीतता है। अगर आप चाहते हैं कि आपकी हर सुबह सही मायने में गुड मॉर्निंग हो, तो जाने-माने हेल्थ एक्सपर्ट्स और साइकॉलोजिस्ट्स द्वारा सुझाए कुछ टिप्स पर अमल करके देखें।

अच्छी बातें याद करें

पेंसिलवेनिया की बिहेवियरल साइकोलॉजिस्ट डाना लाइटमैन कहती हैं, ‘अक्सर हम सुबह उठते हैं, तो कोई न कोई चिंताजनक बात याद कर लेते हैं और तनावग्रस्त हो जाते हैं।’ उस वक्त अधिकतर लोगों का मूड ऑफ़ रहता है, ऐसा नींद के दौरान होने वाले हारमोनल बदलावों के कारण होता है। इसलिए बेहतर होगा कि आप सोने से पहले अपनी साइड टेबल या लैंप के पास अगले दिन होने वाली किसी खुशनुमा या रोमांचक गतिविधि के बारे में स्लिप नोट पर लिखकर चिपका दें। जैसे अखबार में आपका पसंदीदा सप्लीमेंट, किसी फ्रेंड से मुलाकात, मनपसंद टीवी शो, फेवरिट डिश की प्लानिंग, शॉपिंग का प्रोग्राम आदि। ऐसी बात सवेरे याद करने से दिन की शुरुआत अच्छी होती है।

Advertisement

बेडरूम का तापमान

गर्मियों में एयर कंडीशन से ठंडा बेडरूम और सर्दियों में हीटर से गर्म बेडरूम सभी को अच्छा लगता है। लेकिन सारी रात हीटर चलाने या सारी रात कम तापमान पर एयर कंडीशनर चलाने से सुबह नींद जल्दी नहीं खुलती और आलस्य हावी हो जाता है। नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट के हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि सर्दियों में कमरे का तापमान 20 से 24 डिग्री सेल्सियस रहना चाहिए। इसी प्रकार गर्मियों में भी यह 30 डिग्री के आसपास रखना चाहिए ताकि सुबह वक्त पर उठने में दिक्कत न हो।

आसपास के माहौल में रंग

पैंटीन कलर इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक लीट्रीस एइसमैन कहते हैं, ‘सुबह नींद खुलते ही अपने आसपास चटक रंगों का माहौल देखने पर आपके शरीर में एड्रेनलीन का उत्सर्जन होता है, जिससे आलस्य व उदासी दूर भागते हैं और आप तुरंत हरकत में आ जाते हैं।’ इसलिए अपना तकिया, चादर, बेडशीट आदि लाल, नारंगी, पीले आदि एनर्जेटिक रंगों वाले रखें। दीवार भी ऐसे रंगों की रखें। नाश्ता में स्ट्रॉबेरी, अनार या संतरे का जूस पीएं और रंग-बिरंगे फल खाएं तो आप दिनभर ऊर्जावान रहेंगे।

बगल में फूल

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की माइंड,ब्रेन व बिहेवियर शाखा के वैज्ञानिकों का मानना है कि बेड के बगल में खुशबू वाले फूलों का गुलदस्ता रखने से सुबह की शुरुआत बहुत अच्छी होती है। हार्वर्ड की शोधकर्ता नैंसी एटकॉफ ने पाया कि विशेष रूप से महिलाओं ने सुबह उठकर फूल देखे तो उनका मूड अच्छा हुआ और एनर्जी लेवल में इजाफा हुआ।

अलार्म नहीं, खुद जागने की आदत

फिलाडेल्फिया में स्लीप डिसऑर्डर सेंटर के सह निदेशक जोडी मिंडेल कहते हैं, ‘सुबह उठने के लिए अगर आप अलार्म का प्रयोग करते हैं, तो स्नूज बटन का इस्तेमाल न करें। तय वक्त से पहले का अलार्म भरना और फिर बजने पर स्नूज बटन दबाना... यह प्रक्रिया आपकी नींद में बेवजह खलल डालती है। एक बार अलार्म बजने के बाद आप गहरी नींद नहीं ले पाते और बेवजह बिस्तर पर पड़े रहते हैं।’ इससे अच्छा होगा कि उठने के सही समय का अलार्म भरें और उसे उठने के लिए फाइनल समय मानें। इससे आप गहरी नींद ले पाएंगे। जबकि डॉ. पी.पी. बोस का मानना है कि सुबह सही वक्त पर उठने के लिए अलार्म की बजाय अपनी इंटरनल क्लॉक पर निर्भर रहना
बेहतर है।

पानी पिएं

वील कॉर्नेल मेडिकल सेंटर में मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. होली एंडरसन कहते हैं कि रातभर हमारे शरीर में जो भी प्रक्रियाएं होती हैं, उनसे शरीर के तरल में कमी आती है। इसकी पूर्ति के लिए सुबह उठते ही पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की आदत डालें। इससे आपको इंस्टैंट एनर्जी मिलेगी। पानी की कमी होने पर हमारे शरीर की आंतरिक प्रणाली को हर क्रिया के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है, जिससे थकान महसूस होने लगती है।

कमरे में कुदरती रोशनी

कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में साइकोलॉजी के प्रोफेसर एवं अनुसंधानकर्ता जेम्स बी मास कहते हैं, ‘सुबह नींद से उठने पर सूरज की रोशनी मिलना फायदेमंद होता है। इससे आलस्य जल्दी दूर होता है।’ इसलिए खिड़की के पास बैठकर मॉर्निंग टी पीने या अखबार पढ़ने की आदत डालें। कुदरती रोशनी आपकी बायोलॉजिकल क्लॉक को मेलाटोनिन नामक हारमोन का उत्सर्जन करने से रोकती है। यह हारमोन आलस्य और नींद में सहायक होता है। कुदरती रोशनी दिमाग में सेरोटोनिन का लेवल भी बढ़ाती है जो मूड बूस्ट करने में मददगार माना जाता है।

चेहरे का मसाज

फिटनेस एक्सपर्ट्स का मानना है कि चेहरे का मसाज करने से रक्त का संचार सही होता है और जल्दी उठने में मदद मिलती है। मसाज की शुरुआत माथे से करते हुए ठुड्डी तक आएं और उंगलियों के पोरों से हल्के हाथों से चेहरे के एक-एक हिस्से को दबाएं और थपथपाएं। इससे आपका आलस्य उड़ जाएगा और स्फूर्ती का अहसास होगा। इसका एक और फायदा यह होगा कि चेहरे का ग्लो भी धीरे-धीरे बढ़ने लगेगा।

Advertisement
Advertisement