सऊदी अरब की देखा-देखी बदलाव
इस्राइल को फैशन के मामले में अलग ही कर दीजिये। जो इज़राइली, राब्बियों के रूढ़िवादी दुष्प्रभाव से दूर हैं, वो फैशन को बिंदास भोगते हैं। ईरान बिलकुल उलटा है। वहां की धार्मिक पुलिस और सर्वोच्च नेता हिजाब मुक्त नई पीढ़ी को अपना दुश्मन मानते हैं। सोलह सितंबर 2022 को 22 साल की महसा अमिनी को हिजाब नहीं पहनने की वजह से पुलिस हिरासत में पीट-पीट कर मार डाला गया था। अमिनी का कसूर सिर्फ इतना था कि वह ईरान की महिलाओं के लिए पहनावे की आजादी चाहती थी। इस हत्या के विरोध में महिलाओं ने अपने स्कार्फ हटाकर, उन्हें जलाते हुए वर्जनाओं को तोड़ दिया था। पुलिस कार्रवाई में 551 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई, और हजारों गिरफ्तार कर लिये गए थे। ईरान फिर भी सुधरा नहीं। इसी हफ्ते ईरानी अधिकारियों ने एक युवती को हिरासत में लिया है, जो तेहरान स्थित इस्लामिक आज़ाद विश्वविद्यालय में टू पीस में ही घूमती देखी गई थी। वो कहां और किन हालात में है? फिलिस्तीन पर पांचों वक्त रिपोर्ट करने वाले अरब मीडिया और भारत के उर्दू प्रेस के लिए यह जिज्ञासा का विषय नहीं है।
मॉडेस्ट फैशन से मुत्तासिर मुस्लिम युवा
18 देशों का समूह मिडल ईस्ट बदल रहा है। यदि वह देखना है, तो फैशन इंडस्ट्री में क़दम रख चुकीं अरब बालाओं को देखिये। रियाद में जन्मी ताला अबुखालेद लग्जरी बोहेमियन रेडी-टू-वियर लेबल रीबर्थ की संस्थापक, डिजाइनर और क्रिएटिव डायरेक्टर हैं। बोहेमियन या ‘बोहो’ शैली को ताला अबुखालेद आगे बढ़ा रही हैं। सोशल मीडिया ने बोहो शैली को और भी अधिक लोकप्रिय बना दिया है, लेकिन किंगडम ने पहले ऐसा कोई ब्रांड नहीं बनाया है जो इस शैली के साथ इतनी स्पष्ट रूप से पहचान करता हो। अबूखालद अपने ब्रांड के लिए स्थिरता पर बहुत जोर देती हैं। अबूखालद के कलेक्शन को पिछले साल रियाद स्थित बेल्जियम दूतावास में आयोजित ‘मॉडेस्ट फैशन कार्यक्रम’ में प्रदर्शित किया गया था। यानी, दूतावासों की दिलचस्पी मिडल ईस्ट की फैशन मार्केट में है।
तुर्की के इस्तांबुल में ‘थिंक फैशन’ का मुख्यालय है। इस संस्था ने मॉडेस्ट फैशन वीक इवेंट सीरीज़ की शुरुआत की। इसके टारगेट पर था मिडल ईस्ट। मॉडेस्ट फैशन एक वैश्विक शैली है, जहां कपड़े शरीर को अधिक ढकते हैं। ढीले कट, और लंबे कट मॉडेस्ट फैशन के मुख्य स्टाइल तत्व हैं, इसमें हिजाब वैकल्पिक है। मन करे, तो हिजाब मुक्त हो जाओ। मॉडेस्ट फैशन वीक 5 महाद्वीपों में पॉपुलर हुआ। यह दो अरब मीडिया कवरेज के साथ 40 से अधिक देशों में इवेंट कर अपना दबदबा बना चुका है। ‘थिंक फैशन’ का टारगेट ऑडियंस मुस्लिम देश के युवा हैं। इस वजह से रूढ़िवादियों से इनका भिड़ना अक्सर हो जाता है।
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