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महिलाओं के प्रति समाज की सोच में बदलाव जरूरी : डॉ. एस अनुकृति

12:45 PM Aug 08, 2022 IST

नारनौल, 7 अगस्त (निस)

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आर्थिक और सामाजिक विकास के साथ महिलाओं की स्थिति में काफी सुधार हुआ है, लेकिन भारत में महिलाएं आज भी पुरुषों से बहुत पीछे हैं। यह कहना है विश्व बैंक की अर्थशास्त्री डॉ. एस अनुकृति का। तीस साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं द्वारा स्थानीय यादव धर्मशाला सभागार में आयोजित नागरिक-अभिनंदन के पश्चात अपने संबोधन में उन्होंने समाज की सोच में बदलाव को जरूरी बताते हुए कहा कि सामाजिक सोच में बदलाव के बिना महिलाओं का समुचित विकास संभव नहीं है। सिंघानिया विश्वविद्यालय, पचेरी बड़ी (राजस्थान) के कुलपति डॉ उमाशंकर यादव की अध्यक्षता में आयोजित इस भव्य समारोह में हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओमप्रकाश यादव मुख्य अतिथि थे, वहीं नगर परिषद, नारनौल की चेयरपर्सन कमलेश सैनी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की। डॉ. जितेंद्र भारद्वाज और संजय शर्मा के कुशल आयोजन-संयोजन में संपन्न हुए इस समारोह में वरिष्ठ कवयित्री डॉ कृष्ण आर्य ने डॉ अनुकृति को समर्पित एक गीत के माध्यम से उन्हें बधाई दी। डॉ. जितेंद्र भारद्वाज के कुशल संचालन में लगभग दो घंटों तक चले इस अनूठे कार्यक्रम में मनुमुक्त ‘मानव’ मेमोरियल ट्रस्ट की ट्रस्टी डॉ कांता भारती के अतिरिक्त बीसीजी, वाशिंगटन डीसी के कंसल्टेंट प्रोफेसर सिद्धार्थ रामलिंगम, हिसार तथा अम्बाला मंडल के हाइड्रोलॉजिस्ट राकेश नेवरिया, भारत विकास परिषद के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्रकुमार शर्मा, व्यापार मंडल के प्रदेश संयोजक बजरंगलाल अग्रवाल व अन्य मौजूद रहे।

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