Chandralal Sangi Story: जब रैली में भीड़ जुटाने के लिए चंद्रलाल सांगी को पड़ा था बुलाना, सीएम के कहने पर गांव में लगाई गई थी धारा 144
सुनील दीक्षित/कनीना 14 दिसंबर (निस)
Chandralal Sangi Story: भारतीय संस्कृति को बुलंद करने की दिशा में पंडित लख्मीचंद, पंडित मागेंराम, जाट मेहर सिंह तथा चंद्रलाल सांगी सरीखी महान विभूतियों का अहम योगदान रहा है, जिनके किस्से आज भी समाज में प्रचलित हैं। ऐसा ही एक किस्सा चंद्रलाल सांगी के बारे में सामने आया है।
बताया जाता है कि चंद्रलाल सांगी की ससुराल भुरजट तथा ननिहाल पाली में होने के कारण महेंद्रगढ़ जिले से बड़ा लगाव था। खेडी तलवाना निवासी उनके शिष्य एवं दामाद महाशय वेदप्रकाश भारती ने बताया कि 1950 के दशक के बाद उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, दक्षिणी पंजाब, दक्षिणी हिमाचल प्रदेश में सांग सम्राट चंद्र लाल के नाम का डंका बज चुका था। दर्शक-श्रोता उन्हें प्रत्येक मंच पर देखना चाहते थे। उनके कार्यक्रम में भारी भीड के चलते सांग के आयोजनकर्ता भीड़ को देखकर परेशान हो जाते थे। भीड को नियंत्रित करने के लिए कई बार उनके प्रोग्राम में टिकट लगानी पड़ती थी।
1969 में भारतीय राष्टीय कांग्रेस दल से हरियाणा में चौधरी बंसीलाल की सरकार थी। झज्जर के बादली में उनकी रैली होनी तय हुई। समय बहुत कम था, लेकिन रैली में भीड जुटाना भी जरूरी था। अंततः सांग सम्राट चंद्र लाल को रैली में बुलाना निश्चित हुआ। हरियाणा के मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की रैली में आने के लिए चंद्रलाल को निमंत्रण भेजा गया। जो उस वक्त उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के बड़ोत के समीप गांव जमाना-जमानी में मिडल स्कूल की स्थापना के लिए प्रोग्राम में व्यस्त थे। चंद्रलाल ने यह संदेश मंच के माध्यम से श्रोताओं के सामने रखा तो आयोजन समिति व श्रोताओं ने चलते हुए प्रोग्राम को एक दिन का ब्रेक देने पर एतराज जताया। उनका मानना थ कि एक दिन के लिए सांग बंद होता है तो स्कूल के लिए चंदा नहीं आएगा ओर स्कूल का कार्य अधर में लटक जाएगा। यह संदेश हरियाणा के मुख्यमंत्री बंसीलाल के पास भेजा गया।
हरियाणा के मुख्यमंत्री चै बंसीलाल ने यूपी के सीएम चंद्रभानु गुप्त से मंत्रणा कर मेरठ जिले के बड़ौत के पास गांव जमाना जमानी में एक दिन के लिए धारा 144 लगाने को कहा। सीएम के आदेश पर मेरठ के डीएम ने गांव जमाना जमानी में एक दिन के लिए धारा 144 लगा दी। भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पंहुच गया ओर सांग करने पर रोक लगा दी गई। उसके बाद चंद्रलाल अपनी पार्टी को लेकर बादली के पास पहुंचे और हरियाणा के मुख्यमंत्री चैधरी बंसीलाल की जनसभा को सफल बनाया। अगले दिन फिर वापस जमाना जमानी में पंहुचकर सांग किया और स्कूल निर्माण कार्य पूरा करवाया। जमाना जमानी के बुजुर्ग लोग आज भी इस घटना का जिक्र करते हैं।
सांग सम्राट चंद्रलाल का जन्म चरखी दादरी में हुआ था। उनके परिवार में तीन पत्नियां भरपाई, फूलवती, चंद्रावती व चार पुत्रीयां कमलेश ,संतोष,रादेश ,मनोज तथा चार पुत्र सुरेश कुमार, उमेश कुमार, विजय कुमार, देवेंद्र कुमार हुए। दो पुत्रियों संतोष व मनोज की शादी खेडी तलवाना में की गई। उनका छोटा लड़का देवेंद्र कुमार जीवित है।
आज भी प्रसिद्ध हें उनके बनाए किस्से
चंद्रलाल सांगी ने नो बहार धर्म देवी, सत्यवान सावित्री, हीर-रांझा, कमला मदन, पृथ्वीसिंह किरणमयी, बीजा सोरठ, किचक वध जैसे सांग बनाए जो प्रसिद्ध रहे। 1968 में करनाल के डीसी एमएस मलिक ने उन्हें उनकी गायकी पर खुश होकर सुरक्षा के लिए एक रिवाॅल्वर भेंट किया। जिसके कागजात करनाल से ही तैयार करवाए गए। उनके परिजन आज भी इसका नवीनीकरण करनाल से ही करवते हैं। इससे पूर्व 1962-63 में पानीपत के चुलकाना में सांग करवाया गया था। जहां मंदिर का निर्माण किया जा रहा था। जिसका उद्घाटन पेप्सु के सीएम सरदार प्रताप सिंह कैरो ने किया था। सांग सुनकर मंत्रमुग्ध हुए सीएम ने एक लाईसेंसी बंदूक चंद्रलाल को ईनाम स्वरूप प्रदान की। अगस्त 2006 में वे संसार से अलविदा हो गये। उनके बनाए हुए किस्से आज भी बडे चाव के साथ सुने जाते हैं।