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नई विधानसभा के लिए चंडीगढ़ सशर्त जमीन देने को तैयार

07:52 AM Jul 14, 2023 IST
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चंडीगढ़, 13 जुलाई (ट्रिन्यू)
राजधानी चंडीगढ़ में ही हरियाणा की नई विधानसभा बनने का रास्ता लगभग साफ हो चला है। यूटी प्रशासन हरियाणा को नये विधानसभा भवन के लिए 10 एकड़ भूमि देने को राजी है। बशर्ते, इसके बदले में हरियाणा सरकार द्वारा चंडीगढ़ प्रशासन को आईटी पार्क के साथ लगते एरिया में 12 एकड़ भूमि देनी होगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा भी इस मामले में दखल दिया हुआ है। गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद ही यूटी प्रशासन ने जमीन आवंटन की प्रक्रिया शुरू की है।
दरअसल, अगले परिसीमन को देखते हुए हरियाणा सरकार ने नये विधानसभा भवन की तैयारियां शुरू की हैं। इस बार के परिसीमन में हरियाणा में लोकसभा और विधानसभा सीटों के बढ़ने की प्रबल संभावना है। लोकसभा की सीटें दस से बढ़कर 13 से 14 हो सकती हैं। अगर ऐसा होता है तो विधानसभा सीटों की संख्या 90 से बढ़कर 126 तक पहुंच सकती है। पिछले परिसीमन के दौरान हरियाणा में कुछ सीटों के नाम बदल गए थे और कुछ पुरानी खत्म होने के बाद नई सीट अस्तित्व में आ गई थी।
हालांकि संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई थी। इस अवधि में प्रदेश की आबादी काफी बढ़ गई है। देशभर में भी लोकसभा की सीटों में बढ़ोतरी होने का अनुमान है। ऐसे में हरियाणा में भी इस बार विधानसभा व लोकसभा की सीटें बढ़ना तय हैं। वर्तमान में पंजाब और हरियाणा विधानसभा एक ही भवन के दो अलग-अलग हिस्सों में चल रही है। हरियाणा विधानसभा के हाउस में 90 सदस्यों के बैठने का तो प्रबंध है, लेकिन अगर एक भी और सदस्य बढ़ जाए तो उसके लिए जगह नहीं है। इसी को देखते हुए स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने नये विधानसभा भवन के लिए प्रयास शुरू किए।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का भी उन्हें समर्थन मिला। यह मुद्दा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने उठाया गया। शाह ने इसे कवायद को अच्छा बताते हुए यूटी प्रशासन को जमीन आवंटन के निर्देश दिए। तभी से लेकर हरियाणा व यूटी के अधिकारियों के बीच बैठकों का दौर जारी है। सूत्रों का कहना है कि यूटी प्रशासन अब चंडीगढ़ में ही हरियाणा को 10 एकड़ भूमि देने के लिए राजी हो गया है।
दोनों राज्यों ने मिलकर यह तय किया है कि हरियाणा इस जमीन के बदले यूटी प्रशासन को चंडीगढ़ के आईटी पार्क के साथ लगते एरिया में 12 एकड़ भूमि देगा। यूटी प्रशासन ने इसके लिए हरियाणा के अधिकारियों को जमीन की अदला-बदली की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है। यानी अब हरियाणा को गैर-कब्जाग्रस्त प्रमाण-पत्र और 12 एकड़ भूमि की सीमांकन रिपोर्ट यूटी प्रशासन के पास जमा करवानी होगी। इसके बाद यूटी जमीन आवंटन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का काम करेगा।

चंडीगढ़ के डीसी ने कहा -दस्तावेज मांगे हैं हरियाणा से
चंडीगढ़ के डीसी विनय प्रताप सिंह ने कहा, हरियाणा विधानसभा के लिए जमीन देने का फैसला अभी लंबित है। हरियाणा की ओर से एक प्रपोजल प्राप्त हुई थी। हमने हरियाणा को कई जगह जमीन दिखाई और रेलवे स्टेशन के पास दस एकड़ भूमि चिह्नित की गई है। इसके एक्सचेंज में चंडीगढ़ से लगते एमडीसी पंचकूला की 12 एकड़ जमीन ऑफर की है। अधिकारियों की एक समिति इस पर चर्चा कर रही है। हमने पंचकूला की जमीन के कुछ दस्तावेज हरियाणा सरकार से मांगे हैं, जो अभी तक मिले नहीं हैं। इनमें इको-सेंसेटिव जोन क्लीयरेंस आदि जैसे मसले हैं। दस्तावेज मिलने बाद हरियाणा की प्रपोजल को यूटी प्रशासक की मंजूरी के बाद केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। इस माह के आखिर में एक बैठक निश्चित है। उसके बाद यूटी की छंटनी कमेटी इसे यूटी प्रशासक के समक्ष रखेगी।

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चंडीगढ़तैयार,विधानसभासशर्त
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