Chandigarh Pollution: चंडीगढ़ में प्रदूषण के खतरनाक हॉटस्पॉट्स की पहचान, हाइपरलोकल डेटा से खुली नई सच्चाई
चंडीगढ़, 6 दिसंबर
Chandigarh Pollution: चंडीगढ़ के प्रदूषण का खतरनाक पैटर्न अब सामने आ चुका है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, शहर के कुछ इलाकों में पीएम2.5 का स्तर काफी बढ़ चुका है, जो सुरक्षित सीमा से बहुत अधिक है। यह रिपोर्ट चेतावनी देती है कि प्रदूषण की स्थिति को सुधारने के लिए अब सूक्ष्म स्तर पर सटीक कदम उठाने की आवश्यकता है।
हाइपरलोकल डेटा से हुई पहचान
रिपोर्ट में कहा गया है कि पारंपरिक वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणालियाँ प्रदूषण के असली हॉटस्पॉट्स का सही मूल्यांकन नहीं कर पातीं। इस समस्या को हल करने के लिए, रिस्पायरर लिविंग साइंसेज ने हाइपरलोकल मॉनिटरिंग तकनीक का इस्तेमाल किया है। इसके तहत, 150 से अधिक सेंसरों से प्राप्त डेटा और गूगल के एयर क्वालिटी API को जोड़ा गया, जिससे प्रदूषण के पैटर्न को अधिक सटीक तरीके से जाना जा सका।
चंडीगढ़ के गंभीर प्रदूषण क्षेत्र
रिपोर्ट में चंडीगढ़ के सेक्टर 53 और सेक्टर 68 जैसे इलाके प्रदूषण के हॉटस्पॉट्स के रूप में सामने आए हैं। इन इलाकों में पीएम2.5 का स्तर खतरनाक तरीके से बढ़ गया है। रिपोर्ट के अनुसार, शहरीकरण, वाहनों की संख्या में वृद्धि और हरी पट्टियों की कमी प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं।
नीति निर्माताओं के लिए जरूरी कदम
प्रोफेसर सच्चिदा नंद त्रिपाठी, जो नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (एनसीएपी) के चेयरमैन हैं, ने कहा कि हाइपरलोकल डेटा प्रदूषण के स्रोतों को पहचानने में मदद करता है। इसके आधार पर लक्षित उपायों को लागू किया जा सकता है, जिससे प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सके और सार्वजनिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सके।
भविष्य के लिए उम्मीदें
इस रिपोर्ट से यह साफ है कि चंडीगढ़ जैसे शहरों में प्रदूषण की स्थिति को बेहतर समझने और उसे नियंत्रित करने के लिए डेटा और तकनीकी समाधान जरूरी हैं। गूगल और रिस्पायरर की साझेदारी इस दिशा में एक कदम और बढ़ा सकती है, जिससे शहरी जीवन को अधिक सुरक्षित और स्वस्थ बनाया जा सके।
अधिक जानकारी के लिए
भारत के प्रदूषण हॉटस्पॉट्स पर विस्तृत डेटा प्राप्त करने के लिए कृपया संपर्क करें: research@respirer.in