Chandigarh News : चंडीगढ़ बिजली विभाग का निजीकरण हुआ तो करेंगे हड़ताल
मनीमाजरा (चंडीगढ़),15 दिसंबर (हप्र)
चंडीगढ़ बिजली विभाग के निजीकरण का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। यूटी पावरमैन यूनियन द्वारा शुरू किए विरोध प्रदर्शन के बाद आम जनता भी सड़कों पर आकर विरोध प्रदर्शन कर रही है। शनिवार को कांग्रेस पार्टी ने भी चंडीगढ़ में प्रदर्शन एवं गिरफ्तारियां दीं, जिससे मामला और गरमा गया है। दूसरी तरफ चंडीगढ़ प्रशासन ने पहली जनवरी, 2025 को विद्युत विभाग को कोलकाता की एक निजी कंपनी को हैंडओवर करने का फैसला किया है। यूटी प्रशासन के रवैये और निजीकरण के खिलाफ आम जनता एवं कर्मचारियों के आंदोलन को लेकर रविवार को इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाईज फेडरेशन ऑफ इंडिया (ईईएफआई) की नॉर्थ जोन की आॅनलाइन मीटिंग आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता ईईएफआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशंज वर्कर यूनियन के राज्य अध्यक्ष सुरेश राठी ने की।
इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाईज फेडरेशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि अगर जनता एवं कर्मचारियों के तीखे विरोध के बावजूद चंडीगढ़ प्रशासन ने पहली जनवरी से विभाग को निजी कंपनी को हैंडओवर किया तो चंडीगढ़ के बिजली कर्मचारी निजी कंपनी के मातहत काम नहीं करेंगे, क्योंकि चंडीगढ़ विद्युत विभाग के कर्मचारी सरकारी विभाग में कार्यरत थे और उन पर केंद्र सरकार के सेवा नियम लागू होते हैं। इसलिए सरकारी कर्मचारियों को किसी निजी कंपनी के मातहत काम करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है।
बैठक में शामिल हरियाणा, पंजाब, हिमाचल व जम्मू-कश्मीर राज्यों की बिजली यूनियन के प्रतिनिधियों ने दो टूक चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने एकतरफा कार्यवाही करते हुए पहली जनवरी को जबरन विभाग को निजी हाथों में सौंपा तो चारों राज्यों के बिजली कर्मचारी विरोध प्रदर्शनों से लेकर हड़ताल तक करने पर मजबूर हो सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनके राज्यों से कोई भी कर्मचारी चंडीगढ़ में ड्यूटी नहीं देगा। अगर मैनेजमेंट ने ज़ोर जबरदस्ती की तो कर्मचारी इसका उचित जबाव देंगे।
बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पूर्वांचल व दक्षिणांचल डिस्कॉम को निजी हाथों में सौंपने के फैसले की कड़ी भर्त्सना की गई। डिस्कॉम व चंडीगढ़ विद्युत विभाग के निजीकरण के खिलाफ 19 दिसंबर को आयोजित विरोध प्रदर्शनों को सफल बनाने की रणनीति भी तैयार की गई। उन्होंने बताया कि बैठक में 22 दिसंबर को लखनऊ में होने वाली पंचायत का पुरजोर समर्थन किया गया और 25 दिसंबर को चंडीगढ़ में होने वाली आम जनता एवं कर्मचारियों की संयुक्त महापंचायत में शामिल होने का फैसला लिया गया।
इस महत्वपूर्ण बैठक में इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाईज फेडरेशन ऑफ इंडिया ( ईईएफआई) के कार्यकारी अध्यक्ष देवराय, जरनल सेक्रेटरी प्रशांत नंदी चौधरी, उपाध्यक्ष सुभाष लांबा, हरियाणा से सुरेश राठी, हिमाचल से कामेश्वर सिंह, हीरा लाल वर्मा, पंजाब से रतन सिंह, कुलविंद्र सिंह ढिल्लों, रगविंदर सिंह, चंडीगढ़ से गोपाल दत्त जोशी, ध्यान सिंह, जम्मू-कश्मीर से अब्दुल नजार व इकबाल सिंह आदि उपस्थित थे।