Chandigarh News: बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ चंडीगढ़ में कांग्रेस का क्रमिक अनशन
एस अग्निहोत्री/हप्र, मनीमाजरा, 18 दिसंबर
Chandigarh News: बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ सेक्टर 22 नेहरू पार्क के सामने चंडीगढ़ कांग्रेस द्वारा सात दिवसीय क्रमिक अनशन शुरू किया गया है। क्रमिक अनशन में बुधवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एचएस लकी, पार्षद गुरप्रीत गाबी, जसबीर बंटी, तरूणा मेहता और मनोज लुबाना बैठे।
लकी ने एक बार फिर प्रशासक और चंडीगढ़ प्रशासन से एमिनेंट कंपनी के साथ इस सौदे को रद्द करने का आग्रह किया। लकी ने कहा कि कांग्रेस शहरवासियों के लिए चिंतित है, जिन्हें अंततः इस सौदे का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। बिजली की दरें बढ़ना तय है, क्योंकि निजी कंपनी का मकसद सेवा के बजाय मुनाफा कमाना होगा। पिछले कई दिनों से शहरवासी और विभाग के कर्मचारी इस फैसले के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
एचएस लक्की ने कहा कि चंडीगढ़ का एक सुव्यवस्थित और लाभ कमाने वाला बिजली विभाग एक निजी व्यापारी को सौंपा जा रहा है, जिसने अतीत में भाजपा के चुनाव कोष में उदारतापूर्वक दान दिया है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ बिजली विभाग इतना कुशल और जनहितैषी है कि देश में सबसे कम टैरिफ चार्ज करने के बाद भी यहां लाइन लॉस मात्र 10 प्रतिशत है और इसका बिजली सप्लाई से संबंधित शिकायतों के समाधान का समय देश में सबसे कम है।
उन्होंने यह आशंका भी जताई गई कि जिस निजी ठेकेदार को बिजली विभाग की सैंकड़ों करोड़ रुपयों की कीमती अचल संपत्तियां कौड़ियों के भाव सौंपी जा रही हैं, वह आते ही शहर में बिजली की दरें कई गुणा बढ़ा देगा। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि 2023 तक आठ साल नगर निगम में सत्ता में रहते हुए भाजपा ने चंडीगढ़ के लोगों पर कमरतोड़ टैक्स लगाया और अब वह बिजली ट्रांसमिशन का निजीकरण करवा कर शहरवासियों को और परेशान कर रही है।
इस अवसर पर मौजूद कांग्रेस नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार देश की संपत्तियां अदाणी जैसे व्यापारियों को बेच रही है और अब चंडीगढ़ के लोगों पर एक और अदाणी को थोप दिया गया है, जिसे प्रशासन बिजली विभाग की सारी संपत्तियां सौंप रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री चंडीगढ़ आए थे, पर उन्होंने शहर की समस्याओं को हल करने के लिए एक शब्द भी नहीं बोला।