अमर्यादित बोलने वाले सीनेटर को नोटिफाई न करें चांसलर : प्रो. ग्रोवर
जोगिंद्र सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 7 सितंबर
पंजाब विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. अरुण कुमार ग्रोवर ने हाल ही में फैकल्टी से चुने गये एक सीनेटर द्वारा छात्र आंदोलन को संबोधित करते हुए कुलपति के खिलाफ की गयी कथित अमर्यादित भाषा पर कड़ी आपत्ति जतायी है। उन्होंने चांसलर को पत्र लिखकर उनके सीनेटर बनने को अधिसूचित किये जाने पर भी रोक लगाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने ऐसे सीनेटर चुनकर आने को पीयू गवर्नेंस के तालिबानीकरण की संज्ञा दे दी। उन्होंने नेशनल साइंस एकेडमी के अध्यक्ष एवं पीयू के पूर्व छात्र का ई-मेल भी साझा किया है जिसमें कहा गया है कि जब टीचर ऐसी राजनीति में संलिप्त हो जाते हैं और सत्ता में विशेषाधिकारों का आनंद लेते हैं तो कई गलत कार्य कर बैठते हैं। प्रो. रौणकी राम को एक ई-मेल भेजकर फैकल्टी से चुने गये एक नवचयनित सीनेटर की भाषा को लेकर कड़ी आपत्ति जतायी है। उन्होंने दो बार पूटा प्रधान रहे प्रो. रौणकी राम पर तंज कसा कि वे जिस व्यक्ति के नाम से चल रहे ग्रुप से चुनाव लड़ते हैं, उनके द्वारा ऐसी भाषा का इस्तेमाल दुर्भाग्यापूर्ण है, शिक्षक समुदाय को ऐसे व्यक्ति से दूरी बना लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आंदोलनरत छात्रों के समक्ष दिये गये भाषण की भाषा तो उनके ऊपर लगाये गये झूठे यौन उत्पीड़न के मामले से भी गंभीर है। प्रो. ग्रोवर ने कहा कि संस्थान की गवर्निंग बॉडी सीनेट में ऐसे लोगों का होना कतई वाजिब नहीं।
पूर्व कुलपति प्रो. अरुण कुमार ग्रोवर ने चांसलर एवं देश के उप-राष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू को भी पत्र भेजा है जिसमें पूछा है कि पीयू का कैलेंडर क्या कुलपति को वोट डालने का अधिकार नहीं देता? उन्होंने सवाल दागा कि एक सीनेटर पांच फैकल्टी से मैंबर बन सकता है मगर वे कुलपति को वोट डालने से रोकना चाहते हैं। क्या कुलपति को विश्वविद्यालय चलाने के लिये स्वयंभू माफिया से इजाजत लेनी होगी। उन्होंने आग्रह किया कि ऐसे सीनेटर को सीनेट के लिये नोटिफाई नहीं किया जाना चाहिए।