खडूर साहिब, फरीदकोट, फतेहगढ़ साहिब से प्रत्याशी ढूंढ़ना चुनौती
अदिति टंडन/ट्रिन्यू
नयी दिल्ली, 29 मार्च
भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की अगली बैठक से पहले पंजाब की 13 लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों पर चर्चा करने को पार्टी के शीर्ष नेताओं ने बृहस्पतिवार देर रात राष्ट्रीय राजधानी में पंजाब इकाई के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा महासचिव संगठन बीएल संतोष, पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौदान सिंह, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ सहित अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
पार्टी की ओर से पटियाला से परनीत कौर, लुधियाना से रवनीत सिंह बिट्टू, जालंधर (आरक्षित) से सुशील कुमार रिंकू और अमृतसर से तरणजीत सिंह संधू के नाम लगभग फाइनल हैं। आनंदपुर साहिब से पूर्व राज्यसभा सांसद अविनाश राय खन्ना, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा और उनके बेटे अजयवीर सिंह लालपुरा के नामों पर चर्चा की गई। गुरदासपुर लोकसभा सीट से दिवंगत अभिनेता और भाजपा सांसद रहे विनोद खन्ना की पत्नी कविता खन्ना और पंजाब भाजपा के पूर्व प्रमुख अश्विनी शर्मा का नाम पैनल में है। संगरूर से बरनाला के पूर्व विधायक केवल ढिल्लों और अरविंद खन्ना, फिरोजपुर से पूर्व मंत्री राणा गुरमीत सोढी और सुरजीत कुमार ज्याणी के नाम चर्चा में हैं। सूत्रों के अनुसार, अगर संगरूर से किसी हिंदू चेहरे को मैदान में उतारा जाता है तो अरविंद खन्ना एक विकल्प हो सकते हैं। केवल ढिल्लों पहले इस सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। वे 2022 में संगरूर लोकसभा उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर हार गए थे। यह भी देखना बाकी है कि पंजाब प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ लोकसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं।
सूत्रों के अनुसार, बठिंडा लोकसभा सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत बादल के खिलाफ पार्टी को मजबूत चेहरे की तलाश है। वैसे पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल मार्च में दिल का दौरा पड़ने के बाद स्वस्थ हो रहे हैं। बठिंडा से पैनल में शामिल लोगों में सरूप सिंगला का नाम भी शामिल हैं। खडूर साहिब, फतेहगढ़ साहिब और फरीदकोट के लिए उम्मीदवार ढूंढ़ना भगवा पार्टी के लिए चुनौती बनी हुई है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने 1997 के बाद वर्ष 2022 में पहली बार अकेले विधानसभा चुनाव लड़ा था। इस दौरान भाजपा ने संगरूर, बठिंडा, खडूर साहिब, फरीदकोट और फतेहगढ़ साहिब लोकसभा क्षेत्र के किसी भी विधानसभा हलके से चुनाव नहीं लड़ा था।
स्वाभाविक रूप से इन क्षेत्रों में भाजपा संगठन कमजोर रहा, क्योंकि पार्टी ने केवल 23 सीटों पर ध्यान केंद्रित किया, जो उसने 1997 और 2022 के बीच शिअद के साथ गठबंधन के दौरान लड़ी थी। पार्टी से जुड़े सूत्र ने कहा, 2022 में हमने सभी क्षेत्रों में कुछ सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन तथ्य यह है कि पार्टी को नये सिरे से शुरुआत करनी होगी। अब पार्टी पश्चिम बंगाल की तरह पंजाब में लंबी पारी के लिए तैयार है।