For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

Chaitra-Shardiya Difference : चैत्र और शारदीय नवरात्रि में हैं ये 5 बड़े अंतर, आप भी नहीं होंगे जानते

12:13 PM Mar 29, 2025 IST
chaitra shardiya difference   चैत्र और शारदीय नवरात्रि में हैं ये 5 बड़े अंतर  आप भी नहीं होंगे जानते
Advertisement

चंडीगढ़, 29 मार्च (ट्रिन्यू)

Advertisement

Chaitra-Shardiya Difference : 30 मार्च यानि कल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है, जोकि 7 अप्रैल को समाप्त होगी। चैत्र नवरात्रि के दौरान भक्त मां दुर्गा की उपासना करते हैं और व्रत आदि रखते हैं। हालांकि अक्सर लोग शारदीय और चैत्र नवरात्रि में कन्फ्यूज हो जाते हैं। चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि, दोनों ही भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण पर्व हैं लेकिन इन दोनों में समय, उद्देश्य और अन्य कुछ पहलुओं में अंतर पाया जाता है। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि दोनों में आखिर क्या फर्क है...

समय का फर्क

चैत्र नवरात्रि वर्ष के प्रारंभ में होती है, जो हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र माह (मार्च-अप्रैल) में मनाई जाती है। यह आमतौर पर गर्मी के मौसम में होती है। वहीं, शारदीय नवरात्रि साल के आखिर यानि शरद ऋतु (सितंबर-अक्टूबर) में मनाई जाती है। यह मौसम ठंडी के करीब होता है। यह शरद ऋतु के दौरान मनाई जाती है इसलिए इसे शारदीय नवरात्रि कहा जाता है।

Advertisement

नए वर्ष का स्वागत

चैत्र नवरात्रि से नए साल की शुरुआत होती है। इसे हिन्दू नववर्ष की शुरुआत माना जाता है, जिससे धार्मिक और सांस्कृतिक कार्य की शुरुआत होती है। वहीं, शारदीय नवरात्रि को राक्षसों पर विजय प्राप्त करने और धर्म की स्थापना के रूप में देखा जाता है। यह नवरात्रि दशहरा से जुड़ी होती है, जिसमें रावण का वध और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होता है।

प्राकृतिक परिवर्तन

चैत्र ऋतु फूलों और नए पौधों का आगमन होता है, और पेड़-पौधों में हरियाली होती है। वहीं, शारदीय ऋतु के दौरान पेड़-पौधों में सूखापन और ठंडक देखने को मिलती है। साथ ही आकाश में साफ सफाई और ठंडी हवाएं होती हैं।

रामनवमी और दुर्गा नवमी

चैत्र नवरा‍त्रि अंत में रामनवमी आती है। इस नवरात्रि में भगवान विष्णु और शक्ति, दोनों की आराधना की जाती है जबकि शारदीय नवरात्र के अंत में दुर्गा महानवमी और दूसरे दिन विजयादशीम मनाई जाती है।

फसल की कटाई और सुखाई

चैत्र ऋतु का समय बुवाई और खेतों में नई फसल लगाने का होता है। इस दौरान किसान अपनी फसल की तैयारी करते हैं। वहीं, शारदीय ऋतु में कटी हुई फसलें खेतों में सूखने के लिए रखी जाती हैं और किसानों के लिए यह समय फसल के संग्रहण का होता है।

डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।

Advertisement
Tags :
Advertisement