चढ़ूनी ने पंजाब के किसान नेताओं को बताया मंदबुद्धि और किसान विरोधी
जितेंद्र अग्रवाल/हमारे प्रतिनिधि
अम्बाला शहर, 22 जुलाई
अम्बाला शहर में अपनी नवगठित संयुक्त संघर्ष पार्टी की बैठक में हिस्सा लेने आये गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने पंजाब के किसान नेताओं को मंदबुद्धि और किसान विरोधी बताया। पत्रकारों से बात करते हुए चढूनी ने कहा कि मीडिया साथ दे तो आज भी देश बच सकता है। देशद्रोहियों की अपेक्षा देशभक्तों की संख्या देश में ज्यादा है। जब उन्हें याद दिलाया गया कि मीडिया तो उनका पूरा सहयोग कर ही रहा है तो चढ़ूनी ने कहा कि जिस मीडिया का दायरा जिला या एक स्टेट तक ही है वो तो पूरा सहयोग कर रहा है, लेकिन जिसका दायरा नेशनल और इंटरनेशनल है, वो केवल मोदी सरकार के साथ है। उन्होंने कहा कि जब सैकड़ों चैनल चलाने वाले व्यक्ति के 5 हजार करोड़ रुपए माफ किए जाएंगे तो वो हमारी थोड़े ही कहेगा वो तो सरकार की बोली ही बोलेगा।
पंजाब में लड़े पिछले चुनाव को लेकर पूछे गए सवालों पर चढ़ूनी ने कहा कि पंजाब के किसान संगठनों के विरोध के कारण उद्देश्य पूरा नहीं हुआ। वहां के किसान नेता मंदबुद्धि और किसान विरोधी हैं, यदि ऐसा नहीं होता तो किसानों की पंजाब में 100 सीटें आनी थी और देश भर में आज पंजाब माडल की चर्चा हो रही होती। उन्होंने कहा कि होना तो यह चाहिए था कि संयुक्त किसान मोर्चा पंजाब के किसान नेताओं को वहां चुनाव लड़वाता, पूरा जोर जितवाने में लगा देता लेकिन पंजाब के किसान नेताओं ने साथ नहीं देकर अपने ही पैर पर ऐसी कुल्हाड़ी मार ली जिसके जख्म कभी ठीक नहीं होंगे।
हरियाणा के मुख्यमंत्री को लेकर पूछे सवाल के जवाब में चढ़ूनी ने कहा कि नायब सैनी अपने आप में अच्छे इंसान हैं, लेकिन नीतियां तो भाजपा की ही लागू कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आम जनता की कोई अहमियत नहीं है। अपनी नवगठित पार्टी का एजेंडा और मेनिफेस्टो का विस्तार से जिक्र करते हुए चढूनी ने कहा कि शोषितों के लिए कानून बनवाने के लिए ही उन्होंने नए दल का गठन किया है क्योंकि कानून लोकसभा व विधानसभा ने बनाना होता है।