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केंद्र ने किसानों से शुरू की बात, एमएसएपी पर भी होगा विचार

06:36 AM Sep 25, 2024 IST
नयी दिल्ली में मंगलवार को किसान प्रतिनिधियों के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान। - ट्रिब्यून फोटो

अदिति टंडन/ ट्रिन्यू
नयी दिल्ली, 24 सितंबर
केंद्र सरकार ने मंगलवार को किसान नेताओं के साथ बातचीत शुरू की और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था सहित उनके मुद्दाें को हल करने के लिए ‘ईमानदार प्रयास’ का वादा किया।
भारतीय किसान यूनियन (गैर राजनीतिक) के पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और महाराष्ट्र के 50 प्रतिनिधियों ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। पंजाब और हरियाणा के किसान एमएसपी को कानूनी समर्थन देने की मांग को लेकर 200 से अधिक दिनों से शंभू सीमा पर बैठे हैं।
बैठक के बाद चौहान ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान इसकी आत्मा हैं। उन्होंने कहा, ‘मैंने हर मंगलवार को देशभर के किसानों की समस्याएं सुनने का फैसला किया है, जिन्हें कार्यालय में बैठकर नहीं समझा जा सकता। किसानों की चिंताओं को समझने के लिए हमें उनसे बात करने की जरूरत है। हम मुद्दों के हल के लिए ईमानदार प्रयास का वादा करते हैं।’
बैठक में किसान नेताओं ने एमएसपी को आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत शामिल करने का सुझाव दिया, जो केंद्र को लागत को नियंत्रित करने के लिए न्यूनतम आरक्षित मूल्य घोषित करने का अधिकार देता है।
प्रतिनिधिमंडल ने केंद्र को सौंपे ज्ञापन में चार मुद्दे उठाये- एमएसपी व्यवस्था को मजबूत करना और इसके तहत सभी प्रमुख फसलों, फलों, सब्जियों को शामिल करने की आवश्यकता; पीएम किसान सम्मान निधि और इसके कवरेज को बढ़ाना; पीएम फसल बीमा योजना के तहत कवरेज में सुधार करना और उदार कृषि आयात व्यवस्था को सही करना, जो घरेलू किसानों को महंगी पड़ रही है।
बैठक में भाकियू (गैर राजनीतिक) के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मांगे राम त्यागी, उत्तराखंड इकाई प्रमुख सलविंदर कलसी; पंजाब इकाई के अमन सिंह, राजेंद्र सिंह कंबोज, दलजीत कौर रंधावा; हरियाणा इकाई के सेवा सिंह आर्य सहित अन्य ने भाग लिया।

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