नागालैंड की समृद्ध संस्कृति का उत्सव
धीरज बसाक
हर साल 1 से 10 दिसंबर तक मनाये जाने वाले नागालैंड के हॉर्नबिल महोत्सव को ‘त्योहारों का त्योहार’ या ‘महोत्सव’ कहते हैं; क्योंकि यह नागालैंड की किसी एक जाति विशेष का त्योहार नहीं बल्कि नागालैंड में रहने वाले सभी जाति समूहों का वार्षिक त्योहार है। इसमें समूचा नागालैंड शरीक करता है। यह नागा जनजाति का सबसे बड़ा वार्षिक महोत्सव है। इस सांस्कृतिक त्योहार में हिस्सेदारी करके सभी नागा जनजातियां आपसी एकता और सौहार्द की भावना प्रस्तुत करती हैं। यह महोत्सव कोहिमा से करीब 12 किलोमीटर दूर किसामा हेरीटेज गांव में मनाया जाता है। माना जाता है कि यह गांव सभी नागा जनजातियों का उद्गम है।
हम सभी जानते हैं नागालैंड में एक-दो नहीं लगभग 38 विभिन्न जनजातियां रहती हैं, जिनमें से कई के एक-दूसरे से भिन्न रीति-रिवाज और पहनावे हैं। लेकिन हॉर्नबिल महोत्सव समूचे नागा जनजातियों का एक ऐसा सामूहिक पर्व है, जिसमें सब एक जैसे होते हैं। नागालैंड की 60 फीसदी से ज्यादा आबादी विभिन्न कृषि कामों पर निर्भर हैं, इसलिए नागा जनजातियों की आमतौर पर जिंदगी कृषि के इर्दगिर्द ही केंद्रित रहती है। यही वजह है कि कृषि से संबंधित गतिविधियां इन जाति समूहों की सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्रबिंदु हैं। दुनिया की अन्य कृषि प्रजातियों की तरह नागालैंड के विभिन्न कृषक समाज भी अपनी फसलों के बोने, उनके तैयार होने और पकने पर खुशियों का इजहार कई तरह के पर्वों, त्योहारों को मनाकर करते हैं।
चूंकि नागालैंड के छोटे से भौगोलिक खंड में भी अनेक जाति समूह निवास करते हैं, इसलिए उनके अलग-अलग तिथि, त्योहार और रीति-रिवाज हैं। लेकिन सभी नागालैंडवासियों में सामूहिक नागा भावनाओं को एक सूत्र में पिरोने के लिए साल 2000 में नागालैंड की सरकार ने एक ऐसी सांस्कृतिक विरासत को समूचे नागालैंड की सांस्कृतिक विरासत के रूप में पेश करने की शुरुआत की, जिसे ‘हॉर्नबिल महोत्सव’ का नाम दिया गया। हर साल दिसंबर की 1 से 10 तारीख के बीच आयोजित होने वाला यह महोत्सव नागालैंड में रह रही विभिन्न नागा जातियों के बीच अंतर्जातीय संपर्क को प्रोत्साहित करने के लिए और नागालैंड की विरासत पर सामूहिक रूप से गर्व करने के हेतु शुरू किया गया।
इस महोत्सव के दौरान कोहिमा जिले के दक्षिण अंगामी क्षेत्र में स्थित किसामा हेरीटेज गांव में समूचे नागालैंड के अलग-अलग हिस्सों से सभी नागा जाति समूहों के लोग एकत्र होते हैं, यहां 10 दिनों तक तरह-तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं। इससे नागालैंड की समृद्ध संस्कृति को पुनर्जीवन तो मिला ही है, विभिन्न नागा प्रजातियों के बीच आपसी सांस्कृतिक संबंध भी बहुत मजबूत हुए हैं और अलग-अलग जनजातियों की सांस्कृतिक विरासत इस सामूहिक गतिविधि के जरिये और ज्यादा समृद्ध हुई है। चूंकि नागालैंड एक महत्वपूर्ण पर्यटन राज्य भी है, इसलिए अब धीरे-धीरे पिछले कई सालों से देश के विभिन्न हिस्सों के लोग भी हॉर्नबिल महोत्सव का नजदीक से आनंद लेने के लिए इस महोत्सव के दौरान यहां आना पसंद करते हैं। हॉर्नबिल महोत्सव में नागा संस्कृति को बहुत करीब से देखना और इसके सभी अंगों-प्रत्यंगों से भली-भांति परिचत होना गहरे तक रोमांचित करता है। इस महोत्सव में नागालैंड के तरह-तरह के स्वादिष्ट भोजन और व्यंजन, गीत, नृत्य, रीति-रिवाज, पहनावा आदि के भरपूर दर्शन होते हैं। 10 दिनों तक चलने वाले इस त्योहारों के त्योहार हॉर्नबिल में लोग रंग-बिरंगे कपड़े पहनते हैं। साथ ही अपनी उत्कृष्ट शिल्प का प्रदर्शन करते हैं। इस दौरान तरह-तरह के ग्रामीण खेल, खेले जाते हैं और नागालैंड के विभिन्न हिस्सों में बनने वाले एक से बढ़कर एक व्यंजनों की यहां नुमाइश होती है।
इसके साथ ही नागालैंड के इस विशेष महोत्सव में पारंपरिक कलाएं जिनमें पेंटिंग, लकड़ी की नक्काशी और मूर्तियां आदि भी शामिल हैं, भी प्रदर्शित की जाती हैं। इस महोत्सव के दौरान पारंपरिक नागा मोरंग प्रदर्शनी और कला व शिल्प की बिक्री के लिए कई तरह के खाद्य स्टॉल, हर्बल दवा की दुकानें, फूलों की प्रदर्शनी और विभिन्न तरह के खेल, कौशल व सांस्कृतिक गतिविधियां सम्पन्न होती हैं। खेलों में विशेष रूप से पारंपरिक नागा कुश्ती और तीरंदाजी के जलवे देखने को मिलते हैं। जबकि अलग-अलग नागा जातियों के पुरुषों और महिलाआंे द्वारा तरह-तरह की गीत गाये जाते हैं और नृत्य किये जाते हैं। इस दौरान नागालैंड का पारंपरिक फैशन शो भी सम्पन्न होता है और इसी 10 दिनी महोत्सव में मिस नागालैंड का चुनाव भी होता है। इस तरह यह पर्व नागालैंड की अपनी सौंदर्य प्रतियोगिता का मंच भी बन जाता है।
हॉर्नबिल महोत्सव को इस रंगीन ठाठ-बाठ से मनाये जाने की शुरुआत के बाद नागालैंड में पर्यटन काफी बढ़ा है। इसलिए राज्य इसे हॉर्नबिल फेस्टिवल के तौर पर टूरिस्ट ब्रांड के रूप में इस्तेमाल करता है। पर्यटन प्रमोटरों का मानना है कि नागालैंड में हॉर्नबिल फेस्टिवल सिर्फ आपस में विभिन्न नागा प्रजातियों को ही नहीं, बल्कि देश के अलग-अलग राज्यों के लोगों को भी यहां खींचकर लाता है। इस तरह इस सांस्कृतिक पर्व में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का गर्वीला प्रदर्शन होता है।
इ.रि.सें.