बड़ी जीत का जश्न
गुरुवार को देश में क्रिकेट प्रेमियों का जश्न पिछले शनिवार से कम नहीं था, जब भारतीय टीम ने बारबाडोस में विश्व कप जीता था। जिसने वर्ष 1983 जीते विश्वकप के जुनून की याद दिला दी। भारत सरकार द्वारा भेजे गए विशेष चार्टेड विमान के जरिये विजयी टीम के खिलाड़ी, परिजन व सहयोगी स्टाफ जब दिल्ली पहुंचे तो तड़के ही क्रिकेट प्रेमियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विजेता टीम के खिलाड़ियों का प्रधानमंत्री निवास पर स्वागत किया और शानदार जीत के लिये बधाई दी। कप्तान रोहित शर्मा ने प्रधानमंत्री को ट्रॉफी सौंपी। खिलाड़ी कोच राहुल द्रविड़ के साथ प्रधानमंत्री आवास पर दो घंटे तक रहे। प्रधानमंत्री ने शानदार जीत के लिये बधाई दी और हर खिलाड़ी से बात की। इस दौरान बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी और सचिव जय शाह भी मौजूद रहे। विजेता टीम के भारत पहुंचने के बाद पूरे देश में खुशी का माहौल नजर आया। यूं तो प्रधानमंत्री ने भारत के टी-20 चैंपियन बनने पर सोशल मीडिया पर एक खास पोस्ट साझा की थी और टीम के कप्तान व खिलाड़ियों से फोन पर बात की थी। उन्होंने टीम की स्वदेश वापसी पर टीम से मुलाकात से साबित किया कि राजनीति के साथ खेलों को भी वे गंभीरता से लेते हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 में जब भारतीय टीम वन-डे वर्ल्ड कप के फाइनल में आस्ट्रेलिया से हार गई थी तो प्रधानमंत्री खुद खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने अहमदाबाद के ड्रेसिंग रूम पहुंचे थे। वहीं दूसरी ओर खिलाड़ियों ने भी सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री के साथ फोटो शेयर कर खुशी जाहिर की। इससे पहले बारबाडोस में विश्व विजेता टीम पसोपेश में थी क्योंकि वहां घातक चक्रवात आने वाला था। सोमवार को खिलाड़ियों को खुशी का समाचार मिला कि वे शाम को विशेष चार्टेड फ्लाइट से वतन लौटेंगे। बहरहाल, टी-20 विश्वकप में जीत ने मानसून के उदास मौसम में देश के क्रिकेट प्रेमियों को झूमने को मजबूर कर दिया।
बहरहाल, इस विश्वकप की जीत के बाद धीर-गंभीर रहने वाले कोच राहुल द्रविड़, कप्तान रोहित शर्मा व फाइनल में आतिशी बल्लेबाजी से विराट जीत दिलाने वाले विराट कोहली आदि के चेहरों पर मुस्कान देखते ही बनती रही। वर्षों से प्रतीक्षित इच्छा जो पूरी हुई और देश को क्रिकेट का सरताज बनने का मौका मिला। टीम के कोच, कप्तान व सीनियर खिलाड़ियों ने पिछले कुछ वर्षों में बहुत समय व पसीना इस दिन की तैयारी के लिये बहाया था। खिलाड़ियों के चेहरों पर खुशी और संतोष बताता है कि टीम अब अगले मिशन चैंपियंस ट्राफी व वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की तैयारी में जुटने को है। लेकिन वहीं विचारणीय बात यह है कि टीम को अब नये सांचे में ढलना होगा। हम न भूलें कि टी-20 विश्व विजेता टीम के इस प्रारूप से कप्तान रोहित शर्मा, धुंआधार बल्लेबाज विराट कोहली और हरफनमौला रवींद्र जडेजा संन्यास ले चुके हैं। यह इन खिलाड़ियों की महानता है कि अपना लक्ष्य पूरा करके वे नये खिलाड़ियों के लिये राह सुगम बना गए। अन्यथा तमाम आलोचनाओं के बीच आउट ऑफ फॉर्म खिलाड़ी टीम में लंबे समय तक टिके देखे गए हैं। टीम को राहुल द्रविड़ जैसे धीर-गंभीर व अनुशासित कोच की कमी भी खलेगी। हालांकि, बीसीसीआई राहुल द्रविड़ की सलाह को हमेशा तवज्जो देती रही है। बहरहाल, इस यादगार जीत के बाद देश के क्रिकेट प्रेमियों ने पूरी टीम को पलक-पावड़े पर बैठाया। मुंबई में नरीमन प्वाइंट से वानखेड़े स्टेडियम तक निकाली गई विक्ट्री परेड में दिखा जीत का जश्न इस बात का परिचायक ही है। एक खास तैयार की गई बस में टी-20 ट्राफी के साथ विश्व विजेता टीम के खिलाड़ी उल्लास में नजर आए। क्रिकेट प्रेमी दो घंटे तक खिलाड़ियों के आने का इंतजार करते रहे। जन सैलाब देखकर लग रहा था कि भारत के लिये क्रिकेट के क्या मायने हैं। लाखों फैन मरीन ड्राइव से वानखेड़े स्टेडियम तक विजेता टीम के खिलाड़ियों के दीदार को खड़े रहे। मायानगरी के लोगों ने दिखाया कि वे फिल्मी सितारों का ही नहीं, खिलाड़ियों का भी भव्य स्वागत करते हैं। भीड़ इतनी थी कि वाहनों की आवाजाही को रोकना पड़ा।