पीपीपी मोड पर सभी अस्पतलों में शुरू होगी कैथ लैब सुविधा
- कुरुक्षेत्र, पानीपत, बहादुरगढ़, पलवल और दादरी में शुरू होगी एमआरआई सेवाएं
- प्रदेश में 162 पीएचसी और सीएचसी की बिल्डिंग नई बनाने की मंजूरी
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 18 दिसंबर
कैथ लैब और एमआरआई जैसी सेवाएं प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में शुरू होंगी। सरकार पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पाटर्नरशिप) के तहत ये सुविधाएं मुहैया कराएगी। चार जिलों – अंबाला, फरीदाबाद, गुरुग्राम और पंचकूला के सिविल अस्पताल में कैथ लैब की कामयाबी के बाद अब सरकार ने सोनीपत, बहादुरगढ़ और यमुनानगर में भी यह सुविधा शुरू करने का निर्णय लिया है।
पीपीपी मोड के तहत इसके लिए सरकार ने टेंडर जारी कर दिए हैं। इसी तरह से पांच जिलों अंबाला भिवानी, फरीदाबाद, गुरुग्राम और पंचकूला में एमआरआई सेवाएं पीपीपी मोड के तहत दी जा रही हैं। पांच और जिलों - कुरुक्षेत्र, पानीपत, बहादुरगढ़, पलवल और चरखी दादरी में भी एमआरआई सेवा लोगों को मिलेगी। इसके लिए टेंडर जारी किए जा चुके हैं। यमुनानगर के मुकंद लाल जिला अस्पताल में भी यह सुविधा होगी।
सोमवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कई विधायकों ने स्वास्थ्य सेवाओं का मुद्दा उठाया। उनके जवाब में स्वास्थ्य एवं गृह मंत्री अनिल विज ने यह खुलासा किया। उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश है कि सभी अस्पतालों में अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं। इस कड़ी में 162 टूटी-फूटी पीएचसी और सीएचसी के नये भवन बनाने का निर्णय लिया है।
इनका टेंडर हे चुका है और कुछ जगहों पर काम शुरू हो चुका है। इनके अलावा 134 सब-हेल्थ सेंटर, 2 प्राइमरी हेल्थ सेंटर, एक कम्यूनिटी और 37 पब्लिक हेल्थ सेंटर के निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है। जिलाा अस्पतालों में आईसीयू और रेडियोथेरिपी सेवाएं प्रदान करने के सवालों पर विज ने कहा कि सरकार इनके लिए प्रयास कर रही है। रेडियोलॉजिस्ट का बड़ संकट है।
8 शहरों में मातृ-शिशु केयर विंग बनेंगी
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि कैथल शहर के पुराने नागरिक अस्पताल परिसर में 100 बिस्तरीय एमसीएच (मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य) विंग स्थापित किया जाना विचाराधीन है। निर्माण कार्य आवश्यक स्वीकृतियां जारी होने के बाद 2 से 3 साल की अवधि में पूर्ण होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि राज्य में आठ जगहों - पंचकूला, पानीपत, फरीदाबाद, सोनीपत, पलवल, नल्हड़ (नूंह), कैथल और सिरसा में मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य अस्पताल बनाए जाएंगे।