मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

Caste Census Row : कांग्रेस सचिव जयराम रमेश ने मांगा सरकार से जवाब, कहा शीर्षक दे दिया लेकिन समय सीमा नहीं बताई

04:36 PM May 01, 2025 IST
जयराम रमेश। पीटीआई फाइल फोटो

नई दिल्ली, 1 मई (भाषा)

Advertisement

Caste Census Row : कांग्रेस ने आगामी जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने के फैसले की घोषणा के बाद बृहस्पतिवार को सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘‘बिना समय सीमा के सुर्खियां बनाने में माहिर हैं''।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि इस फैसले को लेकर कई सवाल उठते हैं, खासकर सरकार की मंशा पर। उन्होंने मांग की कि जनगणना जल्द से जल्द होनी चाहिए। पार्टी के 24, अकबर रोड स्थित कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए रमेश ने कहा कि वह ‘‘बिना समय सीमा के सुर्खियां बनाने में माहिर हैं।''

Advertisement

आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने की मांग करते हुए रमेश ने पूछा कि मोदी सरकार को ऐसा करने से कौन रोक रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मांग करती है कि संविधान में संशोधन किया जाना चाहिए और आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को हटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना तभी सार्थक होगी जब ऐसा किया जाएगा।

रमेश ने दिसंबर 2019 की एक मंत्रिमंडल बैठक की प्रेस विज्ञप्ति का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8,254 करोड़ रुपये की लागत से 2021 में भारत की जनगणना कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि उस प्रेस विज्ञप्ति में जाति आधारित गणना का कोई उल्लेख नहीं था।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हर कोई जानता है कि यह जनगणना नहीं हुई है और छह साल बीत चुके हैं। हैरानी की बात है कि सरकार ने कल इसकी घोषणा की।'' रमेश ने सरकार से जातिगत जनगणना के लिए देश के सामने एक रोडमैप प्रस्तुत करने का आग्रह किया। उन्होंने दावा किया कि 2025-26 के बजट में जनगणना आयुक्त के कार्यालय को केवल 575 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘तो वे 575 करोड़ रुपये में किस तरह की जनगणना कराने की योजना बना रहे हैं? तो इरादा क्या है- क्या यह सिर्फ खबर का शीर्षक देने के लिए है? उनका इरादा क्या है? इरादे पर कई सवाल उठते हैं।'' रमेश ने कहा, ‘‘आपको 2021 में जनगणना करवानी चाहिए थी। वे कोविड महामारी का हवाला देते हैं, लेकिन 50 से ज्यादा देशों ने कोविड के दौरान जनगणना की। 2023, 2024 में महामारी नहीं थी, लेकिन उन्होंने इसे नहीं करवाया।''

उन्होंने कहा कि जब पिछले साल प्रधानमंत्री टीवी चैनलों को साक्षात्कार दे रहे थे, तो उन्होंने जातिगत जनगणना की बात करने वालों को ‘शहरी नक्सली' कहा था। रमेश ने कहा, ‘‘वह कब से शहरी नक्सली बन गए? गृह मंत्री अमित शाह कब से शहरी नक्सली बन गए?'' उनकी टिप्पणी केंद्र द्वारा यह घोषणा किए जाने के एक दिन बाद आई है कि जातिगत गणना अगली जनगणना का हिस्सा होगी, जिसमें आजादी के बाद पहली बार जाति विवरण शामिल किया जाएगा।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि वह ‘‘11 साल तक विरोध'' करने के बाद आगामी जनगणना में जाति गणना को शामिल करने के सरकार के ‘अचानक' लिए गए फैसले का स्वागत करते हैं लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्र को इसके कार्यान्वयन के लिए समयसीमा बतानी चाहिए।

Advertisement
Tags :
Ashwini VaishnavCaste CensusCaste Census ControversyDainik Tribune Hindi NewsDainik Tribune newsHindi NewsJairam Rameshlatest newsModi governmentPM ModiPM Narendra Modiकांग्रेसदैनिक ट्रिब्यून न्यूजहिंदी समाचार