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टीचर से छेड़छाड़, केंद्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल पर मामला दर्ज

06:49 AM May 06, 2024 IST
टीचर से छेड़छाड़  केंद्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल पर मामला दर्ज
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फतेहाबाद, 5 मई (हप्र)
गांव बड़ोपल के केंद्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल पर महिला टीचर से स्कूल में छेड़छाड़ का आरोप लगा है। शिकायत पर महिला थाना पुलिस ने प्रिंसिपल सांवरमल के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। मामले की जांच डीएसपी जयपाल सिंह स्वयं कर रहे हैं। पीड़ित टीचर का कहना है कि उसके आरोप लगाने के बाद दूसरी महिला टीचर भी खुलकर सामने आ रही हैं।
पुलिस को दी शिकायत में टीचर ने कहा कि वह केन्द्रीय विद्यालय बड़ोपल में टीचर के पद पर है। पिछले साल 12 दिसंबर को स्कूल प्रिंसिपल सांवरमल ने अपने ऑफिस में स्कूल के किसी काम को लेकर उसे बुलाया। प्रिंसिपल बार-बार उसको लेकर अश्लील टिप्पणी करते थे तथा गंदी नजर से देखते थे। टीचर ने कहा कि एक दिन जब उसने टाइम टेबल को लेकर प्रिंसिपल से अनुरोध किया तो उन्होंने गलत शर्त रखी।
पुलिस को दी शिकायत में टीचर ने अपनी शिकायत में कहा कि छुट्टी लेने पर एक दिन प्रिंसीपल ने कहा कि आपको जब भी कोई निजी समस्या हो तो मुझे पर्ची में लिखकर दे दिया करो, मैं किसी को नहीं बताउंगा। इसके बाद प्रिंसिपल ने भद्दा इशारा भी किया। प्रिंसिपल ने मेरे घर के बारे में पूछा। परेशान होकर उसने दूसरी महिला टीचरों से प्रिंसिपल की हरकत के बारे में बताया। तब उन्होंने बताया कि प्रिंसिपल ने इनके साथ भी गलत नीयत से छेड़छाड़ की है। इस मामले में महिला थाना पुलिस ने आरोपी प्रिंसिपल के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
एसपी बोलीं
एसपी आस्था मोदी ने कहा कि मामला काफी संगीन व संवेदनशील हैं। अभी इसकी जांच डीएसपी जयपाल को दी गई है। डीएसपी जयपाल सिंह ने बताया कि मामले में एससी एसटी एक्ट होने के कारण जांच उनके पास है। शनिवार को पांच महिला टीचरों के बयान लिए हैं, अन्य टीचरों के बयान सोमवार को लिए जायेंगे। इस सप्ताह केन्द्रीय विद्यालय की केन्द्रीय सेक्सुअल हैरासमेंट कमेटी आयेगी, उसकी रिपोर्ट भी ली जाएगी।
क्या कहते हैं प्रिंसिपल
इस बारे में केन्द्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल सांवरमल ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि वायु सेना में 14साल की नौकरी के बाद वे शिक्षा के क्षेत्र में आए। शिक्षकों के साथ ऐसे बर्ताव के बारे करना तो दूर वे सोच भी नहीं सकते। केंद्रीय विद्यालय का प्रिंसिपल होने के नाते उन पर क्वालिटी शिक्षा देने का दवाब होता है, जिसके लिए सभी शिक्षकों से काम लेना होता है।

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