Career in Interior Designing रचनात्मकता के साथ बेहतर आय के अवसर
यदि घरों व अन्य इमारतों की सजावट की ओर रुझान है तो बतौर कैरियर इंटीरियर डिज़ाइनर का विकल्प चुन सकते हैं। इंटीरियर डिजाइन की अच्छी समझ, रचनात्मकता,कस्टमर की डिमांड के अनुसार डिजाइन बदलने की क्षमता, बजट के अनुसार डिजाइनिंग व ट्रेंड्स की समझ होना जरूरी है। इंटीरियर डिजाइनर फ्रीलांसर होने के साथ ही किसी कंपनी के साथ भी जुड़ कर काम कर सकते हैं।
अशोक जोशी
क्या आप अपने कमरे के इंटीरियर को आकर्षक बनाने के लिए प्रयास करते हैं? क्या आप हमेशा होटलों, इमारतों, अपार्टमेंट आदि के इंटीरियर को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं? यदि हां, तो आप पहले से ही इंटीरियर डिज़ाइनर बनने की राह पर हैं! इंटीरियर डिजाइनिंग खाली इनडोर स्पेस को कलात्मक, रचनात्मक और टेक्नीक के माध्यम से आकर्षक बनाने की कला सिखाती है। इस कोर्स के साथ इंटीरियर, टेक्सटाइल और फर्नीचर डिजाइन के साथ-साथ आर्किटेक्चरल टेक्नोलॉजी, प्रॉपर्टी मैनेजमेंट आदि में कैरियर बना सकते हैं। इंटीरियर डिजाइनिंग केवल घरों को सजाने तक सीमित नहीं है। अब अपार्टमेंट, बंगला, ऑफिस, हॉस्पिटल, होटल, ऑडिटोरियम, कियोस्क समेत अन्य पब्लिक प्लेसेज भी इंटीरियर डिजाइनर की मदद से आकर्षक बनाए जा रहे हैं। इंटीरियर डिजाइनिंग तेजी से उभरता हुआ कैरियर बन रहा है। इंटीरियर डिज़ाइनर क्लाइंट की ज़रूरतों के हिसाब से काम करता है ताकि एक आकर्षक जगह बनाई जा सके। क्लाइंट में घर के मालिक से लेकर बड़ी कंपनियां तक शामिल हैं। इंटीरियर डिज़ाइनरों को सजावट के साथ-साथ जगह के उपयोग की समझ होनी चाहिए व सुरक्षा आवश्यकताओं को भी पूरा करना चाहिए।
इंटीरियर डिजाइनर का कार्य
एक इंटीरियर डिज़ाइनर का काम रचनात्मक बुद्धि और ढर्रे से बाहर सोचने की क्षमता रखना है। आज के समय में, ज़्यादातर लोग अपने घरों और दफ़्तरों को सजाने के लिए इंटीरियर डिज़ाइनरों से सलाह लेते हैं। उन्हें क्लाइंट की ज़रूरतों, आवंटित पैसे और उपलब्ध जगह को ध्यान में रखते हुए मनभावन सजावट बनानी होती है। इंटीरियर डिजाइनर घर, ऑफिस समेत अन्य पब्लिक-प्राइवेट प्लेस को अपने कस्टमर के बजट के अनुसार खूबसूरत, आकर्षक बनाते हैं।
इंटीरियर डिजाइनर्स की योग्यता
वैसे तो इंटीरियर डिजाइनर्स बनने के लिए तय शैक्षणिक योग्यता आवश्यक है, लेकिन कुछ सृजनात्मक लोग बिना किसी खास शैक्षणिक योग्यता के अपने कौशल से स्थानों और वस्तुओं को सजाने संवारने में महारत रखते हैं। बेहतरीन इंटीरियर डिजाइनर बनने के लिए इंटीरियर डिजाइन की अच्छी समझ, रुचि, रचनात्मकता,कस्टमर की डिमांड के अनुसार डिजाइन बदलने की क्षमता,कस्टमर के बजट के अनुसार इंटीरियर डिजाइनिंग,नए ट्रेंड, डिमांड की समझ तथा बेहतर कम्युनिकेशन स्किल का होना जरूरी है।
जरूरी शैक्षणिक कोर्स
इंटीरियर डिजाइनिग में कैरियर बनाने के इच्छुक 12वीं पास युवा इंटीरियर डिजाइनर कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं। प्रवेश परीक्षा के माध्यम से अच्छे सरकारी संस्थानों में प्रवेश दिया जाता है। कई संस्थान, कॉलेज व यूनिवर्सिटी इंटीरियर डिजाइनिंग कोर्स में डिप्लोमा भी कराते हैं। इंटीरियर डिजाइन में एसोसिएट डिग्री शिक्षार्थियों को दो साल के अध्ययन के बाद इस क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए तैयार करती है। इस डिग्री के बाद प्रोफेशनल्स डिजाइन फर्मों के साथ-साथ अन्य क्रिएटिव पोस्ट पर काम कर सकते हैं। कंप्यूटर एडेड डिज़ाइन सॉफ्टवेयर का उपयोग करके अपने डिजाइनों को तकनीकी ड्राइंग में बदलने के लिए ड्राफ़्टर आर्किटेक्ट और इंजीनियरों के साथ काम करते हैं, स्केच बनाते हैं और आर्किटेक्चरल डिटेल जोड़ कर इसे प्रैक्टिकल रूप देते हैं। वे डायमेंशंस भी बनाते हैं, मेटेरियल्स के बारे में बातते हैं, और नए डिजाइन भी पेश करते हैं। इस कोर्स को करने के बाद डाफ्टर, कंस्ट्रक्शन एंड बिल्डिंग इंस्पेक्टर, वुडवर्कर बन सकते हैं। इंटीरियर डिजाइनिंग की बैचलर डिग्री में डिजाइन एलिमेंट्स, वातावरण निर्माण, विज्युअल कम्यूनिकेशन, मेटेरियल्स एंड एपलीकेशन, टिकाऊ वातावरण और कलर थ्योरी के बारे में पढ़ाया जाता है। ज्यादातर ये कोर्स 4 साल के होते हैं। इंटीरियर डिजाइन की मास्टर डिग्री डिग्री प्रोफेशनल्स की अन्य टीमों का नेतृत्व करने के लिए जरूरी नॉलेज देती है। इस कोर्स के बाद इंटीरियर डिजाइन डायरेक्टर, आर्किटेक्चरल मैनेजर, अर्बन रिजनल प्लानर, सिविल इंजीनियर, प्रोजेक्ट मैनेजर बन सकते हैं। इंटीरियर डिजाइन की डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त करके लोग रिसर्च, पोस्ट सेकंडरी टीचिंग या एडवांस बिजनेस रोल में काम करते हैं। वहीं डिप्लोमा इन इंटीरियर डिजाइन,डिप्लोमा इन इंटीरियर स्पेस एंड एथनिक डिजाइन,बीबीए इन इंटीरियर डिजाइन,एमबीए इन इंटीरियर डिजाइन,पीजी डिप्लोमा इन इंटीरियर डिजाइन तथा एडवांस डिप्लोमा इन इंटीरियर डिजाइन भी किया जा सकता है।
कैरियर स्कोप और आय
इंटीरियर डिजाइनर फ्रीलांसर होने के साथ ही किसी कंपनी के साथ भी जुड़ कर काम कर सकते हैं। वे ऑर्किटेक्ट फर्म, होटल, रिजॉर्ट चेन, सार्वजनिक निर्माण विभाग, टाउन प्लानिंग ब्यूरो, हॉस्पिटल, मॉल, शोरूम आदि में खुद की इंटीरियर डिजाइनिंग सर्विस भी दे सकते हैं। फिल्म और टीवी इंडस्ट्रीज में भी इनकी डिमांड है। इंटीरियर डिजाइनिंग कोर्स के साथ ऑफिस डिजाइनिंग, किचन डिजाइनिंग, होटल डिजाइनिंग, रूम डिजाइनिंग, बिजनेस डिजाइनिंग में व अन्य में स्पेशलाइजेशन भी कर सकते हैं। इस क्षेत्र में सजावट सलाहकार,डिजाइन प्रबंधक, डिजाइनर, इंटीरियर डिजाइन सलाहकार,इंटीरियर डिज़ाइन समन्वयक,इंटीरियर डिजाइन निदेशक,इंटीरियर डिजाइन प्रिंसिपल के रूप में कैरियर आरम्भ किया जा सकता है। इंटीरियर डिजाइनिंग करने वालों की आय उनकी योग्यता काम और लोकप्रियता के आधार पर तय की जाती है। देश के कई नामी इंटीरियर डिजाइनर एक एक घर को डेकोरेट करने के लिए करोड़ों रुपए चार्ज करते हैं।
प्रमुख संस्थान
भारत में इंटीरियर डिजाइनिंग के स्नातक कोर्स के लिए पर्ल एकेडमी, नई दिल्ली/ मुंबई/ जयपुर,राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी), गांधी नगर,सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ डिज़ाइन (एसआईडी), पुणे,अंतर्राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान - (आईआईएफटी), चंडीगढ़,पर्ल एकेडमी, जयपुर,आर्क कॉलेज ऑफ डिजाइन एंड बिजनेस, पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान - (एनआईडी) आदि महत्वपूर्ण संस्थान शामिल हैं।