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Career in History इतिहास में भी सुनहरे भविष्य के अवसर

04:05 AM Jan 16, 2025 IST
career in history   इतिहास में भी सुनहरे भविष्य के अवसर
इतिहास के क्षेत्र में कैरियर
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यदि कोई विद्यार्थी इतिहास व संस्कृति विषय में दिलचस्पी रखता है तो इसके अंतर्गत कई ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें शानदार कैरियर का स्कोप है। इनमें पुरातत्व, एंथ्रोपोलॉजी, सांस्कृतिक अध्ययन, आर्ट रिस्टोरेशन, संग्रहालय विज्ञान, पौराणिक अध्ययन या मुद्रा शास्त्र का विकल्प चुन सकते हैं। सिविल सेवा में भी हिस्ट्री ऑप्शन लेकर कामयाबी पा सकते हैं।

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अशोक जोशी
विश्व में जितनी भी सभ्यताएं हुई, सभी का कोई न कोई इतिहास रहा है। इसीलिए समूचे जगत में इतिहास को अत्यधिक महत्व दिया जाता रहा है। आज हमारे देश में भी इतिहास के पन्ने पलटे जा रहे हैं। युवा अब न केवल इतिहास को जानने बल्कि इसमें कैरियर बनाने के लिए अग्रसर हो रहे हैं। जिनकी रुचि इतिहास व संस्कृति में है, वे इतिहास में शानदार कैरियर बना सकते हैं।
इतिहास में कैरियर बनाने के लिए आपको 12वीं क्लास के बाद इस विषय से ग्रेजुएशन करना होगा। उसके बाद आप पीजी, एमफिल और पीएचडी तक कर सकते हैं। जानिये, इतिहास से जुड़े किन क्षेत्रों की सबसे ज्यादा मांग है :
पुरातत्व : पुराना फिर भी सुहाना
इतिहास में आने वाले ज्यादातर छात्रों की पहली पसंद पुरातत्व ही है। अधिकांश भारतीय विश्वविद्यालय प्राचीन भारतीय संस्कृति और पुरातत्व में एमए पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं। ग्रेजुएशन के बाद कोई भी इस कोर्स को कर सकता है और फिर रिसर्च डिग्री के लिए जा सकता है। विश्व इतिहास के छात्र विदेश में अध्ययन करने और पुरातत्व में डिग्री हासिल करने का विकल्प भी चुन सकते हैं। पुरातत्वविदों का कार्य ऐतिहासिक व प्राचीन धरोहरों की खोज करना है। उन्हें अच्छी सैलरी मिलती है।
दिलचस्प है एंथ्रोपोलॉजिस्ट बनना
एंथ्रोपोलॉजिस्ट बनना भी एक दिलचस्प कैरियर विकल्पों में से एक है। आज के समय में भारत के कई विश्वविद्यालयों में एंथ्रोपोलॉजी का अध्ययन कराया जाता है। इस विषय में अतीत और वर्तमान समाज के साथ मानव के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन किया जाता है। एंथ्रोपोलॉजिस्ट के अध्ययन के लिए संबंधित विभिन्न क्षेत्र भी हैं, जैसे- राजनीति, संस्कृति और भाषा जैसे विषयों में योग्यता हासिल करनी होती है।
सांस्कृतिक अध्ययन
भारत के कई विश्वविद्यालयों में सांस्कृतिक अध्ययन में एमए का कोर्स कराया जाता है। इसके कोर्स में स्वदेशी संस्कृति, लोकगीत, मीडिया, सांस्कृतिक अध्ययन और सिद्धांत शामिल होते हैं। कोर्स पूरा करने के बाद किसी संग्रहालय, विरासत स्थलों, आर्ट गैलरी में अच्छी जॉब कर सकते हैं।
फ्रेस्को से संजोएं भविष्य
इतिहास के पाठयक्रमों में फ्रेस्को या आर्ट रिस्टोरेशन सबसे दिलचस्प कोर्स में से एक है। इसमें आर्ट रेस्टोरेशन करने का तरीका सिखाया जाता है, जिससे आप अपनी सांस्कृतिक विरासत को उसके मूल रूप में वापस ला सकें। खुदाई के प्राचीन कलाकृतियां व मूर्तियां मिलती हैं, जो अपने मूल अवस्था को खो चुकी होती है। इनका रेस्टोरेशन किया जाता है। यह कार्य फ्रेस्को या आर्ट रिस्टोरेशन को जानने वाले लोग करते हैं। इसमें मिलने वाले जॉब और पारिश्रमिक आपके कैरियर को भी संवार देते हैं।
संग्रहालय विज्ञान
संग्रहालय विज्ञान कोर्स में संग्रहालयों का अध्ययन किया जाता है। ग्रेजुएशन के बाद यह कोर्स कर सकते हैं जिसमें संग्रहालयों का इतिहास, दस्तावेज़ीकरण, कला, चित्रकारी के बारे में बताया जाता है। यहां पर जॉब की कोई कमी नहीं।
मुद्राशास्त्र
मुद्राशास्त्र में प्राचीन सिक्कों का अध्ययन किया जाता है। जब भी सरकार को जमीन के अंदर से पुरानी मुद्रा मिलती है, तो इन विशेषज्ञों की मदद ली जाती है। न्यूमिस्माटिक्स अध्ययन इतिहास और पुरातत्व अध्ययन का एक हिस्सा है। अब भी दुनिया भर में बहुत कम संस्थान हैं जो मुद्राशास्त्र पर कोर्स कराती हैं। हालांकि यह शानदार कैरियर विकल्प है।
पौराणिक अध्ययन है सबसे गहन
आजकल पौराणिक खोज की देशभर में चर्चा है। यह ऐसा विषय है जो न केवल विभिन्न धर्मों और सम्प्रदायों के बीच जारी विवाद को सुलझाने में मदद करता है बल्कि देश की परम्परा और संस्कृति के पन्ने उलट कर उसे मजबूत करने को भी करता है। भारत में अभी सिर्फ मुंबई विश्वविद्यालय इस विषय में डिग्री प्रदान करता है।
सिविल सेवा के द्वार
राज्य लोक सेवा आयोग तथा भारतीय लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं का ट्रेंड बताता है कि इतिहास विषय स्कोरिंग है यानी इस ऑप्शन वाले छात्रों का स्कोर बेहतर रहता है। इसलिए जो युवा सिविल सेवा में जाना चाहते है, वे इतिहास विषय लेकर पीएससी या यूपीएससी की तैयारी कर सकते हैं।
कैरियर के अवसर
इतिहास के स्नातक व परास्नातक शिक्षा, अनुसंधान, पत्रकारिता, प्रकाशन और सार्वजनिक सेवा सहित विभिन्न क्षेत्रों में कैरियर बना सकते हैं। कुछ छात्र इतिहास या संबंधित क्षेत्र में पीएचडी करना भी चुन सकते हैं। इस क्षेत्र में पुरालेखपाल,संग्रहालय शिक्षा अधिकारी, सिविल सेवा प्रशासक, ऐतिहासिक अनुसंधान सहायक, सामाजिक कार्यकर्ता, पर्यटक गाइड,पुरातत्ववेत्ता, कंटेंट राइटर, पत्रकार तथा लाइब्रेरियन जैसे क्षेत्रों में कैरियर निर्माण के अवसर उपलब्ध हैं। आरंभिक वेतन 40 हजार से लेकर 60 हजार प्रतिमाह तथा अनुभव के साथ एक से लेकर दो लाख रूपए प्रतिमाह तक वेतन प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए पुरातत्व विभाग, शैक्षणिक संस्थान, संग्रहालय, प्रकाशन गृह, ऐतिहासिक पार्क, जनसंपर्क, रेडियो और टेलीविजन व सिविल सेवाओं में सम्मानजनक पद उपलब्ध हैं।
यहां से करें पढ़ाई
युवा किसी भी विश्वविद्यालय से इतिहास विषय लेकर ग्रेजुएशन कर सकते हैं। फिर भी कुछ संस्थान हैं जिन्हें सम्मानजनक स्थान प्राप्त है, जैसे दिल्ली विश्व विद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, पंजाब विश्वविद्यालय, गवर्नमेंट कॉलेज सुंदरगढ़, उड़ीसा, गवर्नमेंट कॉलेज फार गर्ल्स गुड़गांव, मुंबई विश्वविद्यालय , जेएनयू नई दिल्ली और तक्षशिला विश्वविद्यालय। इसके अलावा भारतीय पुरातत्व विभाग तथा भारतीय इतिहास अनुसंधान संस्थान भी इतिहास पर शोध करवाते हैं।

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