For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

‘दादूपुर-नलवी नहर के डी-नोटिफाई कानून रद्द होना सरकार की हार’

07:39 AM Jan 06, 2025 IST
‘दादूपुर नलवी नहर के डी नोटिफाई कानून रद्द होना सरकार की हार’
Advertisement

अंबाला शहर, 5 जनवरी (हप्र)
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा दादूपुर नलवी नहर के डीनोटिफिकेशन कानून 101ए को असंवैधानिक करार देने पर स्थानीय विधायक निर्मल सिंह ने भाजपा सरकार पर निशान साधा है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से यह साफ हो गया है कि राज्य सरकार ने जानबूझकर किसानों को नुकसान पहुंचाने के लिए इस नहर को डी नोटिफाई किया था।
विधायक निर्मल सिंह ने हाईकोर्ट के निर्णय पर खुशी जताते हुए कहा कि अब राज्य सरकार को किसानों की बकाया मुआवजा राशि भी तुरंत देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह किसानों के हक में निर्णय हुआ है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से अब 223 गांवों के किसानों की प्यासी जमीन को फिर से सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस आदेश से अब एक और किसानों को अपने मुआवजे की बकाया राशि मिलेगी। साथ ही नहर के भी दोबारा शुरू होने पर 223 गांव के लोगों को सिंचाई के लिए पानी भी मिलेगा। उन्होंने बताया कि लगातार 2017 तक इसमें पानी चलता रहा। यह नहर 50 किलोमीटर तक की बनाई गई और इसमें 1026 एकड़ भूमि को अधिकृत किया गया था। उस समय में सरकार द्वारा भूमि मालिकों को 5 लाख से लेकर 14 लाख रुपये तक प्रति एकड़ मुआवजा राशि दी गई थी। जबकि बाजार में कीमत 40 से 50 लाख रुपये प्रति एकड़ थी। उच्च न्यायालय के द्वारा 2016 में मुआवजा राशि 1 करोड़ 25 लाख रुपये की बजाए एक करोड़ 16 लाख रुपये निर्धारित की। विधायक निर्मल सिंह ने बताया कि यह देश की पहली ऐसी एक नहर है जिसमें 10 साल तक पानी छोड़कर उसे बंद कर दिया गया। सरकार द्वारा नहर की मिट्टी को उठाकर बेच दिया गया।

Advertisement

Advertisement
Advertisement