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‘मानवता को जिंदा रखना’ छेड़ी मुहिम, एक वर्ष में बना दिए 66 हजार जीवन रक्षक

08:54 AM May 08, 2024 IST
कैथल में स्कूली छात्रों को सीपीआर तकनीक की ट्रेनिंग देतीं जेआरसी काउंसलर अध्यापिका अंजू शर्मा। -हप्र
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ललित शर्मा/हप्र
कैथल, 7 मई
आज से करीब 10 माह पहले कैथल में एक अध्यापक बस में सफर कर रहा था। अचानक उन्हें हार्ट अटैक हुआ तो परिचालक सतीश सहारण ने सूझबूझ दिखाते हुए रेडक्रास से सीखी हुई सीपीआर तकनीक का सहारा लेकर उसकी जान बचा दी। उस तरह परिचालक उनके लिए एक जीवन रक्षक (एमरजेंसी डाक्टर) था। बस रुकवाकर बीच रास्ते में ही बस के अंदर परिचालक द्वारा बचाई गई उसकी जान का वह दृश्य बस में सवार सभी सवारियों ने देखा। रेडक्रास ने इस तरह के जीवन रक्षक सिर्फ परिचालक, चालक ही नहीं बल्कि स्कूल, कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं, पढ़ाने वाले गुरु जी भी बना दिए हैं। अगर आंकड़ों की बात करें तो एक वर्ष में रेडक्रास ने 66 हजार 124 लोगों को जीवन रक्षक बना दिया। ये जीवन रक्षक (एमरजेंसी डाक्टर) कभी भी, कहीं भी, किसी की न केवल मदद कर सकते हैं बल्कि जान भी बचा सकते हैं। विवाह समारोहों में डांस के दौरान, यात्रा के दौरान, आफिस में बैठे बैठे हृदय गति रुकने की दुर्घटनाएं बढ़ी, तो रेडक्रास ने एक बीड़ा उठाया और बना दिए जीवन रक्षक। रेडक्रास ने राज्य के 20 कॉलेजों में पांच-पांच छात्रों को यह सीपीआर तकनीक की ट्रेनिंग दी। इसी प्रकार कॉलेज के एक-एक प्रोफेसर को भी इसमें दक्ष किया। राज्य भर में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए 22 कैंप लगाकर इस तरह का कोर्स करवाया। रेडक्रास ने पुलिस कर्मचारियों को भी यह कोर्स करवाया।
इसी प्रकार 1950 विद्यार्थियों को एक दिवसीय आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण भी दिया गया है। समाजसेवी संस्थाओं में अग्रणी पंक्ति में खड़ी रेडक्रास संस्था का इस वर्ष का थीम ‘मानवता को जिन्दा रखना’ है। इसी दिशा में रेडक्रास ने राज्य में तेजी से काम किया।

"पूरे देश में हरियाणा ने सर्वाधिक रेडक्रास के सदस्य बनाने का काम किया। इसके लिए राष्ट्रीय द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया गया। वर्ष 2023-24 में जिला रेडक्रास शाखाओं के माध्यम से 10,05,22,372 रुपए की राशि के कृत्रिम अंग दिव्यांगजनों को वितरित की गई। उन्हें कृत्रिम अंग व ट्राई साइकिल, आंखों के चश्मे, श्रवण यंत्र दिए गए। हर जिले के 45 स्कूलों में प्राथमिक उपचार की नि:शुल्क ट्रेनिंग दी गई। राष्ट्रीय रेडक्रास प्रबंध समिति के 12 सदस्यों में डा. मुकेश अग्रवाल को चुना गया।
-डा. मुकेश अग्रवाल, महासचिव, भारतीय रेडक्रास समिति, हरियाणा राज्य शाखा
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"सीपीआर तकनीक का मेडिकल लाइन में भी बहुत बड़ा योगदान है। यह तकनीक बहुत से लोगों की जान बचा रही है। उनकी मांग है कि सीपीआर की ट्रेनिंग प्रत्येक व्यक्ति के लिए अनिवार्य होनी चाहिए। आजकल लगातार बढ़ रही हार्टअटैक जैसी घटनाओं को देखते हुए तो यह ट्रेनिंग बहुत जरूरी है।
-डा. प्रवीण गर्ग, एमबीबीएस एमडी मेडिशन, कैथल

5,512 शिविरों में एकत्र किया 3,46,128 यूनिट रक्त

वर्ष 2023-24 के दौरान 5,512 स्वेच्छिक रक्तदान शिविरों का जिला रेडक्रास शाखाओं के माध्यम से आयोजन करके 3,46,128 रक्त इकाइयां एकत्रित की गई ताकि किसी भी व्यक्ति को रक्त के अभाव में मृत्यु न हो। हरियाणा रेडक्रास सदस्यता अभियान चलाकर लोगों को रेडक्रास का सदस्य बनाती है। हरियाणा रेडक्रास को राष्ट्रपति द्वारा सर्वाधिक रेडक्रास सदस्य बनाने के लिए सम्मानित किया गया।
n दुर्घटना होने पर प्राथमिक सहायता देकर किसी भी घायल व्यक्ति को तुरन्त अस्पताल पहुंचाकर उसकी जान की रक्षा करने के लिए वर्ष 2023-24 के अनुसार हरियाणा प्रदेश के 881 विद्यालयों में 2,06,360 विद्याथियों एवं अध्यापकों को बेसिक प्राथमिक सहायता के बारे में जागरूक किया गया। इस अभियान के दौरान प्रत्येक जिले के 45 विद्यालयों में यह अभियान चलाने का लक्ष्य रखा गया था।
n हरियाणा प्रदेश के विद्यालयों में 28,648 विद्यार्थियों को प्राथमिक सहायता एवं गृह परिचर्या का प्रशिक्षण दिया गया।
n प्रदेश में दिव्यांगों के कल्याण के लिए 11 जिलों में पुनर्वास केन्द्र एवं कृत्रिम अंगों व उपकरणों को बनाने के लिए कार्यशालाएं चलाई जा रही हैं। दिव्यांग लोगों को नि:शुल्क कृत्रिम अंगों एवं उपकरणों का वितरण अल्मिको, कानपुर के सहयोग से तथा रेडक्रास द्वारा स्वयं के संसाधनों से किया जाता हैै। वर्ष 2023-24 में जिला रेडक्रास शाखाओं के माध्यम से 10,05,22,372 रुपए की राशि के कृत्रिम अंग दिव्यांगजनों को वितरित किए गए।
n महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के 1950 विद्यार्थियों को एक दिवसीय बेसिक प्राथमिक सहायता एवं आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। रेडक्रास के राष्ट्रीय मुख्यालय द्वारा प्राथमिक सहायता एवं गृहपरिचर्या प्रशिक्षण का ऑन-लाइन परीक्षा कराने के लिए हरियाणा प्रदेश को पायलेट प्रोजेक्ट के लिए चयनित किया गया है और हरियाणा रेडक्रास इस पायलेट प्रोजेक्ट में खरा उतर रहा है।

 

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