ख़रीद-फरोख्त की राजनीति शुरू कर भाजपा ने प्रदेश की संस्कृति को किया कलंकित : सुक्खू
सोलन, 5 मई (निस)
विधानसभा क्षेत्र के पट्टा बरौरी में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा और कहा कि भाजपा ने हिमाचल प्रदेश में खऱीद-फरोख्त की राजनीति शुरू कर राज्य की संस्कृति को कलंकित किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी से गद्दारी कर छह कांग्रेस विधायक राजनीतिक मंडी में बिके और अब खरीद-फरोख्त की राजनीति पर पूर्ण विराम लगाने की जिम्मेदारी प्रदेश के मतदाताओं की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास धन बल नहीं है, बल्कि जनबल ही पार्टी की ताकत है। यह लोकतंत्र को बचाने का चुनाव है। उन्होंने कहा कि भाजपा वाले वोट खऱीदने के लिए पैसा लेकर आएंगे। आप पैसे रख लेना लेकिन वोट कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी को ही देना। उन्होंने सिरमौर जिले के हरिपुरधार में भी जनसभा को संबोधित किया। जहां लोगों ने उनका जोरदार स्वागत कर उन्हें कंधों पर उठा लिया।
‘पांच साल सोते रहे जयराम’
सुक्खू ने कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए जयराम ठाकुर पांच साल सोए रहे और चोरों के लिए दरवाज़े खोल दिए। जिन्हें वर्तमान सरकार ने बंद करके 2200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व कमाया है और राज्य की अर्थव्यवस्था में बीस प्रतिशत का सुधार आया है। अब जनता का पैसा जनता के बीच बांटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सवा साल के कार्यकाल में जितनी योजनाएं वर्तमान राज्य सरकार लाई है, उतनी पिछले 75 वर्षों में कभी नहीं आई। सुक्खू ने कहा आपदा के समय भाजपा नेताओं ने राज्य के आपदा प्रभावित परिवारों को पीठ दिखाई, जबकि मैने राजधर्म निभाया। भाजपा नेताओं से दिल्ली चलकर आपदा प्रभावितों को आर्थिक मदद दिलाने का आग्रह किया लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी को विजयी बनाएं। कसौली विधानसभा क्षेत्र के विकास को वे खुद पंख लगा देंगे। इस अवसर पर शिमला लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी, मंडी से कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी तथा जिला सोलन के कांग्रेस अध्यक्ष शिव कुमार शर्मा आदि उपस्थित रहे।
’धरे रह गये बिके हुये विधायकों के नये कोट’
मुख्यमंत्री ने कहा कि दागियों ने जनता के साथ नमक हरामी की है और जन भावनाओं से खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी से गद्दारी करने के बाद बिके हुए विधायक एक महीने तक प्रदेश से बाहर भागते रहे और उनके परिवार के सदस्य भी उनके लिए चिंतित थे। जिस दिन बजट पास होना था, उस दिन चंडीगढ़ से सीआरपीएफ़ की सुरक्षा में आए और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल ने विधानसभा का गेट तोड़ दिया। दागियों ने विधानसभा में आकर अपनी हाजरी लगाई और बजट पर वोट किए बिना फिर भाग गए। बिके विधायकों ने नये कोट-पेंट सिलवा लिए क्योंकि उन्हें लगा कि वह मंत्री बनने वाले हैं, लेकिन उनकी विधानसभा सदस्यता ही रद्द हो गई। फिर दागी विधायक सुप्रीम कोर्ट पहुंचे तो कोर्ट ने भी उन्हें माफ़ी देने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि एक दिन अचानक दागियों ने दिल्ली जाकर भाजपा का पटका पहन लिया। ऐसा पहली बार है जब निर्दलीय विधायक हाथ में इस्तीफ़ा लेकर घूम रहे हैं, कोर्ट जा रहे हैं।