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टीकरी बॉर्डर खुलवाने की मांग को लेकर मानवाधिकार आयोग पहुंचे व्यवसायी

07:57 AM Sep 04, 2021 IST
टीकरी बॉर्डर खुलवाने की मांग को लेकर मानवाधिकार आयोग पहुंचे व्यवसायी
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झज्जर, 3 सितंबर (हप्र)

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 9 महीने से दिल्ली बॉर्डर पर बैठे किसान आंदोलनकारियों को हटवाने के लिए बहादुरगढ़ के व्यवसायियों ने अब मानवाधिकार का दरवाजा खटखटाया है। व्यवसायियों के हवाले से सामने आ रहा है कि अभी तक करीब 2300 करोड़ रुपये का नुकसान आंदोलन की वजह से हो चुका है। उद्यमियों का कहना है कि अब आर्थिक नुकसान बर्दाश्त से बाहर हो रहा है, टीकरी बॉर्डर को खुलवाया जाना जरूरी है।

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उद्यमी अगले सप्ताह इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर करने जा रहे हैं। बहादुरगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेंद्र छिकारा ने मानवाधिकार आयोग में शिकायत दी है, आयोग को लिखे पत्र में उन्होंने टीकरी बॉर्डर को जल्द खुलवाने की मांग की है। छिकारा का कहना है कि बहादुरगढ़ में करीब 12 हजार छोटी-बड़ी फैक्टि्रयां हैं और इनमें करीब 8 लाख कर्मचारी काम करते हैं, लेकिन राजधानी दिल्ली से आवागमन बंद होने की वजह से न तो फैक्टि्रयां में कर्मचारी आ-जा रहे हैं और न ही फैक्टि्रयों में तैयार और कच्चे माल की ढुलाई हो पा रही है। दिल्ली पुलिस ने किसान आंदोलन की वजह से दिल्ली-रोहतक नेशनल हाईवे पर स्थित टीकरी बॉर्डर के मेन रास्ते समेत कई रास्ते बंद कर रखे हैं। जिसकी वजह से फैक्ट्री के सामान की ढुलाई के लिए दूरदराज के कच्चे-पक्के रास्तों से होकर गुजरना पड़ रहा है। छिकारा ने बताया कि इससे पहले वे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से भी मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। उनका कहना है कि वे किसान विरोधी नहीं हैं। किसानों ने एक तरफ का रास्ता टीकरी बॉर्डर का खुला छोड़ रखा है। जहां से आसानी से वाहन आ-जा सकते हैं। लेकिन दिल्ली पुलिस ने रास्ते को पूरी तरह से ब्लॉक कर रखा है और इसी रास्ते को खुलवाने के लिए अब उन्होंने मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया है।

किसानों ने रोका दिल्ली-रोहतक मार्ग

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झज्जर (हप्र) : टिकरी बॉर्डर पर बिजली न मिलने से नाराज किसान आंदोलनकारियों ने दिल्ली-रोहतक नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया। रात के समय किसानों ने करीब 2 घंटे तक नेशनल हाईवे रोके रखा। दरअसल, किसान करीब 5 घंटे के बिजली कट से परेशान होकर बिजली कार्यालय पहुंचे थे। लेकिन वहां भी उन्हें भरोसा नहीं मिला। किसानों का कहना है कि अधिकारियों के फोन बंद थे और वहां कोई भी कर्मचारी उन्हें यह नहीं बता रहा था की बिजली कट किसी लाइन फाल्ट की वजह है या फिर जानबूझकर किसानों की बिजली काटी गई है। इससे नाराज आंदोलनकारी किसानों ने आंदोलन स्थल से कुछ दूरी पर जाखोदा और कसार मोड़ पर जाम लगा दिया। जाम लगने से दिल्ली-रोहतक नेशनल हाईवे पर गाड़ियों पर लंबी लाइनें लग गई। करीब 2 घंटे बाद जब बिजली आई तो किसानों ने जाम को हटाया।

‘महिलाएं भी लेंगी महापंचायत में हिस्सा’

भिवानी (हप्र): उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में 5 सितंबर को होने वाली किसान महापंचायत में महिलाएं भी हिस्सा लेंगी। जनवादी महिला समिति की जिला उपप्रधान संतोष देशवाल ने कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए यह बात की। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन की शुरुआत से ही महिलाएं भी किसानों के साथ संघर्ष कर रही हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल के धरने पर 253वें दिन सांगवान खाप से नर सिंह सांगवान डीपीई, फौगाट खाप से धर्मबीर समसपुर, श्योराण खाप से बिजेन्द्र बेरला, किसान सभा से रणधीर कुगड़, किसान नेता गंगाराम श्योराण, मास्टर राज सिंह जताई, रामफल देशवाल, महिला नेत्री सुशीला घनघस, राजबाला कितलाना व रतनी डोहकी ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की।

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