कुत्तों, बंदरों के आतंक से कैथल बस अड्डे की बस
08:47 AM Jun 12, 2024 IST
रोडवेज महाप्रबंधक कमलजीत चहल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई जानकारी उनके संज्ञान में नहीं है। अगर बस अड्डा परिसर में आवारा कुत्तों, बंदरों व गायों के घूमने की समस्या है तो वे ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को सख्ती से हिदायत जारी करेंगे कि व्यवस्था में तुरंत सुधार किया जाए। रोडवेज महाप्रबंधक ने कहा कि उनका उद्देश्य लोगों को बेहतर सुविधाएं व सुरक्षित सफर के लिए कार्य किया जाए।
ललित शर्मा/हप्र
कैथल, 11 जून
यात्री गण कृपया ध्यान दें, कैथल के बस अड्डे पर सुबह के समय में बसें कम गाय, कुत्ते व बंदर ज्यादा होते हैं। कृपया इस बस अड्डे पर आप यात्रा के लिए अपने रिस्क पर जाएं। रोडवेज की लारी के आपको अपने गंतव्य हिमाचल, दिल्ली, पंजाब पहुंचाने से पहले बस अड्डे पर घूम रही गाय, जगह-जगह दौड़ रहे कुत्ते और बंदरों के झुंड जख्मी करके अस्पताल पहुंचा सकते हैं। यहां संस्थान प्रबंधक कार्यालय के आगे कुत्तों का पहरा है।
पूछताछ केन्द्र के आसपास निराश्रय गाय बैठी हैं। रोडवेज वर्कशॉप के मुख्य द्वार पर बंदरों की गश्त चल रही है। आसानी से बंदर किसी को वर्कशॉप में घुसने नहीं देते हैं। बसों के ऊपर भी बंदरों की धींगामस्ती चलती है। कंडक्टरों के टिकट घरों में कूड़ा, सफाई कर्मचारियों की झाड़ू-पोच्छा आदि पड़े रहते हैं। अव्यवस्थाओं के चलते इस बस अड्डे पर सुविधाएं कम और दुविधाएं ज्यादा हैं। वर्ष 2008 में कांग्रेस की सरकार के समय में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, पूर्व मंत्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने करीब 95 कनाल 12 मरले में यह बस अड्डा बनवाया था। करीब साढ़े सात करोड़ की लागत से बना यह बस अड्डा उस समय के बेहतरीन बस अड्डों में शुमार था। बस अड्डा वर्तमान में भी सुविधाओं से सुज्जित है।
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बस अड्डा परिसर में पार्क, वर्कशॉप, कार्यालय, कैंटीन, कर्मचारियों के लिए अलग से मीटिंग हाल जैसी तमाम सुविधाएं हैं, लेकिन प्रशासनिक अनदेखी व कर्मचारियों की लापरवाही के चलते सुहाने सफर के लिए आने वाले लोगों को यहां असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। बस अड्डे पर आने वाले दैनिक यात्रियों की मांग है कि बस अड्डे पर घूम रहे कुत्तों, बंदरों व गायों से उन्हें निजात दिलवाई जाए।
यात्री सोनू, पिंकी, रोहताश, जयकरण आदि का कहना है कि बस अड्डे पर बुजुर्ग, बच्चे व महिलाएं भी यात्रा के लिए आती हैं। ऐसे में अगर उनके पीछे कोई कुत्ता, गाय व बंदर पड़ जाए तो निश्चित रूप से हादसा होगा। ऐसे में उनकी मांग है कि उन्हें बस अड्डे पर बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं।
-कमलजीत चहल, रोडवेज महाप्रबंधक, कैथल
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